*लोकसमाज सेवा संघ संस्था के प्रवक्ता रामधनी यादव की अल्प समय की एम.पी.यात्रा हुई संपन्न*
पवित्र समय न्यूज २२ जनवरी २०२०
मुंबई/हरदा हाल ही में पवई मुंबई से पवित्र समय के संपादक मुकेश पांचोली के भतीजे की शादी में लोकसमाज सेवा संघ संस्था के प्रवक्ता रामधनी यादव समाजसेवक रणजीत सिंह ने मध्यप्रदेश स्थित हरदा जिले में शादी समारोह में अल्प समय का दौरा किया १७ जनवरी को मुंबई से पंजाब मेल से खिरकिया और वहाँ से ग्राम जिनवान्या में पांचोली परिवार के शादी समारोह में वर मोहन गो. पांचोली की बारात खिरकिया के समीप छीपाबड़ कल्पना स्कूल में वर वधु को आशीर्वाद दिया फिर वहाँ से हरदा संभाग के ऐतिहासिक सतपुड़ा पहाड़ में गुमनाम बाबा सुलिया की टेकड़ी पर जाकर दर्शन किये और उनके इतिहास के बारे में पता किया बताया जाता है कि सुलिया बाबा जमुनिया तथा सावरी गांव के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के घने जंगलों में एक टेकड़ी है जहां माता अंबे तथा बाबा सुलिया का मंदिर है जहां पहुंचने का मार्ग बड़ा कठिन है अगर स्थानीय जानकर मार्गदर्शन नही करे तो जंगलों में ही भटकते रह जाएंगे लेकिन रामधनी यादव, रणजीत सिंह,शिवचरण मनसोरे, रामकृष्ण मोरे,मुकेश पांचोली ने उक्त टेकड़ी पर देढ़ घँटे मार्ग भटकने के बाद एक आदिवासी युवक के सहयोग से बाबा की टेकड़ी पर पहुंच कर दर्शन किये उक्त युवक तथा बुजुर्गों के अनुसार बाबा सुलिया के बारे में ऐसी मान्यता है लगभग १०० वर्ष पुराने मंदिर में जरूरतमंद लोगों की मन्नतों को पूर्ण होते देखा गया अनाज से लेकर धन दौलत तथा मानसिक बीमारी से त्रस्त लोगों को बाबा के दरबार में सफलता मिली खास बात तो वहाँ पत्थरों में एक सुरंग है जहाँ चिल्लर पैसा डालने पर पाताल तक उसकी आवाज सुनाई पड़ती है और जो कोई मन्नत मांगी जाती है उसके पूर्ण होने पर वहाँ बकरा और मुर्गे की बलि चढ़ाई जाती है। रहस्यमयी बाबा की टेकड़ी का एक और चमत्कार सुनने को मिला वहाँ बकरे की बलि के समय अजीब आवाज सुनाई पड़ती है। घने जंगलों में बने उक्त मंदिर गुमनामी छिपा हुआ है जहां जाकर दर्शन करने के साथ यात्रा सफल करते हुये मुंबई लौट आये।
पवित्र समय न्यूज २२ जनवरी २०२०
मुंबई/हरदा हाल ही में पवई मुंबई से पवित्र समय के संपादक मुकेश पांचोली के भतीजे की शादी में लोकसमाज सेवा संघ संस्था के प्रवक्ता रामधनी यादव समाजसेवक रणजीत सिंह ने मध्यप्रदेश स्थित हरदा जिले में शादी समारोह में अल्प समय का दौरा किया १७ जनवरी को मुंबई से पंजाब मेल से खिरकिया और वहाँ से ग्राम जिनवान्या में पांचोली परिवार के शादी समारोह में वर मोहन गो. पांचोली की बारात खिरकिया के समीप छीपाबड़ कल्पना स्कूल में वर वधु को आशीर्वाद दिया फिर वहाँ से हरदा संभाग के ऐतिहासिक सतपुड़ा पहाड़ में गुमनाम बाबा सुलिया की टेकड़ी पर जाकर दर्शन किये और उनके इतिहास के बारे में पता किया बताया जाता है कि सुलिया बाबा जमुनिया तथा सावरी गांव के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के घने जंगलों में एक टेकड़ी है जहां माता अंबे तथा बाबा सुलिया का मंदिर है जहां पहुंचने का मार्ग बड़ा कठिन है अगर स्थानीय जानकर मार्गदर्शन नही करे तो जंगलों में ही भटकते रह जाएंगे लेकिन रामधनी यादव, रणजीत सिंह,शिवचरण मनसोरे, रामकृष्ण मोरे,मुकेश पांचोली ने उक्त टेकड़ी पर देढ़ घँटे मार्ग भटकने के बाद एक आदिवासी युवक के सहयोग से बाबा की टेकड़ी पर पहुंच कर दर्शन किये उक्त युवक तथा बुजुर्गों के अनुसार बाबा सुलिया के बारे में ऐसी मान्यता है लगभग १०० वर्ष पुराने मंदिर में जरूरतमंद लोगों की मन्नतों को पूर्ण होते देखा गया अनाज से लेकर धन दौलत तथा मानसिक बीमारी से त्रस्त लोगों को बाबा के दरबार में सफलता मिली खास बात तो वहाँ पत्थरों में एक सुरंग है जहाँ चिल्लर पैसा डालने पर पाताल तक उसकी आवाज सुनाई पड़ती है और जो कोई मन्नत मांगी जाती है उसके पूर्ण होने पर वहाँ बकरा और मुर्गे की बलि चढ़ाई जाती है। रहस्यमयी बाबा की टेकड़ी का एक और चमत्कार सुनने को मिला वहाँ बकरे की बलि के समय अजीब आवाज सुनाई पड़ती है। घने जंगलों में बने उक्त मंदिर गुमनामी छिपा हुआ है जहां जाकर दर्शन करने के साथ यात्रा सफल करते हुये मुंबई लौट आये।