Friday, 27 August 2021

P S NEWS

 https://youtu.be/qOmHd-Nqk5Yhttps://youtu.be/qOmHd-Nqk5Y


पवित्र समय न्यूज़ ने हाल में एक पत्नी द्वारा पति की हत्या की खबर दिखायी। फिर कुर्ला में 21 वर्षीय युवक ने दस बारह वर्षों से वीरान पड़ी एचडीआईएल की बिल्डिंग में आत्महत्या की,या हत्या हुई इसके बारे में एचडीआईएल और पुलिस प्रशासन ही बता सकते है। लेकिन  स्थानीय निवासियों ने क्या कुछ कहां वो पवित्र समय न्यूज़ में देखने के लिये क्लिक करें👆👆👆

Wednesday, 25 August 2021

P S NEWS

 https://youtu.be/K0bbw7XggFA

मुंबई-झकास बॉलीवुड के मंच पर पवित्र समय न्यूज़ का एक सवाल और नॉन स्टॉप जबाव आमने-सामने आरिफ खान मुकेश पांचोली!!

देखने के लिये क्लिक करें👆👆👆

Sunday, 22 August 2021

P S NEWS

 मुंबई-कुर्ला बैल बाजार में पत्नी ने पति की हत्या करके घर में दफन कर दिया। हत्या के आरोप में 7 लोग हिरासत में 


पूरी खबर के लिये क्लिक करें!👇👇👇

https://www.youtube.com/watch?v=dqMXdTg9l4M

Saturday, 21 August 2021

P S NEWS

“रक्षा बंधन भाई-बहिन के स्नेह और रक्षा का प्रतीक’’

 pavitra samay 21/08/2021 

 

आज श्रावण मास की पूर्णिमा है याने रक्षा बंधन का पवित्र-पावन त्यौहार का अर्थ है प्रेम, दया, सहयोग और रक्षण। रक्षा में छिपा है भाईचारे का आह्वान । केवलज्ञान के पश्चात् सभी तीर्थकरों की वाणी भी समस्त जगत के जीवों की रक्षा के लिये ही प्रवाहित होती है। वही श्रीकृष्ण कहते है “मैं सज्जनों की रक्षा के लिये और दुष्टों का संहार करने के लिये ही जन्म धारण करता हूँ।”   रक्षा शब्द में जीवन की शक्ति है, प्राण है, आत्मा का निज गुण है, मानव के अंतर मानस से प्रवाहित होने वाला एक ऐसा निर्मल निर्झर है जो पाप, ताप और संताप से मुक्त करता है। रक्षा के भीतर मानवीय सुख-दुःख की सहानुभूति, संवेदना उत्सर्ग और कल्याण की भावना छिपी है।   रक्षा बंधन का प्रारंभ कब हुआ यह तो पता नहीं। पर कहा जाता है, देवासुर संग्राम में बार-बार देवों को पराजय का सामना करना पड़ रहा था। देवेन्द्र इंद्र उससे बड़े ही चिंतित थे। तब गुरु बृहस्पति की आज्ञा से इंद्राणी ने इंद्र की दाहिनी भुजा में वेदज्ञ ऋषियों से अभिमंत्रित रक्षा सूत्र बांधा और उन्हें युध्द के लिये प्रेरित किया और इस बार देवताओं की विजय हुई। यह कथा रक्षा बंधन के प्राचीन स्वरुप को प्रकट करती है और साथ ही नारी की प्रतिष्ठा को भी उजागर करती है। कालांतर में यह दिन रक्षाबंधन के पर्व में बदल गया। जहाँ बहन भाई की कलाई में राखी बांध उसके सुंदर भविष्य और हर कार्य में विजयी भवः की प्रार्थना करती है। अपनी शक्ति को भाई की शक्ति में सम्मिलित कर देती है और भाई बहन की सुरक्षा तथा मर्यादा का दायित्व अपने कंधों पर ले लेता है।   रक्षा करने के लिये विष्णु याने विराट बनना होगा। इसी रक्षा की महान भावना से प्रेरित होकर श्रीराम ने धनुष उठाया, कर्मयोगी श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र को। वही भगवान महावीर ने जीव रक्षा और जीवदया के पावन उपदेश की व्याख्या की। यह भले हिंदू त्यौहार हो, पर राखी बांधने पर मुस्लिम भाई भी बहन की रक्षा करने में पीछे नहीं हटते। मेवाड़ की रानी कर्मावती ने अपने राज्य और वहाँ के लोगों की शत्रु से रक्षा के लिये मुगल बादशाह हुमायुं को राखी भेजी थी और हुंमायु ने राखी के महत्व को समझकर उसे पूरा मान दिया और अपनी सेना के साथ शत्रुओं से मुकाबला करने मेवाड़ जा पहुंचा। राखी की महत्ता को हुमायूं ने कुछ यूं कहा कि “छोटे-छोटे दो धागे जानी दुश्मन को भी स्नेह की जंजीरों में जकड़ देते है। यह मेरी खुश किस्मती हैं कि मेवाड की बहादुर महारानी ने मुझे भाई बनाया। “कहते हैं सिकंदर को महाराजा पुरु ने बंदी बना लिया था, उसे मौत के घाट उतर देना चाहते थे, पर सिकंदर की प्रेयसी ने पुरु के हाथ में राखी बांधकर सिकंदर के लिये जीवन रक्षा की सौगात मांगी। अतः वीर राजा पुरु ने उन्हे आजाद कर दिया था।   राजपूतों में तो राखी का बहुत ही महत्व रहा है। उनके लिये राखी बलिदान का पर्व रहा है। जहाँ बहनें, माताएँ अपने पुत्रों, भाइयों को रक्षासूत्र बांधकर देश की रक्षा के लिये युद्ध में भेजती थी। ब्रिटिश शासन काल में वीरों ने हथकडी को राखी के रुप में बांधने के भी प्रसंग है। कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान ने “राखी की चुनौती“ कविता में कुछ इस तरह अपनी भावनाओं को प्रकट किया - “आते हो भाई? पुनः पूछती हूं कि माता के बंधन की है लाज तुमको तो बंधी बनो, देखो बंधन है कैसा चुनौती यह राखी की है आज तुमको।”   श्रावण मास की पूर्णिमा को भाई बहन को अपने घर राखी बांधने के लिये निमंत्रित करता है। बहन बड़ी खुशी से राखी-मिठाई-उपहार लेकर भाई के घर जाती है, भाई को तिलक कर, राखी बांध उसकी आरती उतारती है, मंगल कामना करती है। भाई भी बहन को उपहार देकर उसकी रक्षा का वायदा करता है। कई लोग (खासकर नाविक - विशेषकर महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात के तटीय क्षेत्र में) इस दिन समुंदर किनारे जाकर सागर देवता को नारियल चढ़ाते है, वरुण देवता को अर्ध्य देते हैं। केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और उड़ीसा जैसे राज्यों में ब्राह्मण समुदाय द्वारा यह दिन ‘अववि अक्तिम’ के रुप में मनाया जाता है। कनार्टक में यजुर्वेद के अध्येताओं के द्वारा इस दिन को ‘उपकर्म’ के रुप में मनाया जाता है। उपकर्म को वैदिक शिक्षा के शुभारंभ का दिन माना जाता है। और शिक्षा आरंभ के पहले यजुर्वेद के अध्येताओं द्वारा एक-दूसरे के साथ अपना अपना जनेऊ बदलने की परंपरा भी इस राज्य में मिलती है। बिहार, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, झारखंड में इस पर्व को कजरी पूर्णिमा के रुप में मनाया जाता है। गुजरात के कुछ भागों में इस दिन भगवान शिव की पूजा का उत्सव बड़े जोर-शोर से मनाया जाता है। इसे ‘पवित्रोपासना’ भी कहते है। ‘अमरनाथ यात्रा’ का महत्व भी इसी दिन से जुड़ा है। गुरु पुर्णिमा के दिन श्रीनगर से चलकर करीब दौ सो किलोमीटर का लंबा सफर तय कर पुजारियों द्वारा ‘पवित्र छडी मुबारक’ को श्रावणी पूर्णिमा को अमरनाथ गुफा में पहुँचाया जाता है।   यह पवित्र दिन नारी मात्र को मां बहन मानकर उसकी अस्मिता की रक्षा करने का संदेश देता है। घर-परिवार-समाज में उसे उचित स्थान मिले। उसकी इच्छाओं का सम्मान हो। विज्ञापन हो या फिल्में या कार्यक्षेत्र हर जगह उसे समाज दर्जा, मान तथा सम्मान मिले। उसकी शालीनता, पवित्रता तथा उत्कृष्टता की रक्षा हो। तभी सही मायने में रक्षा बंधन पर्व साकार होगा।   ब्रह्मा भी इस दिन अपने यजमानों को रक्षा कवच बांधकर यह श्लोक बोलते है। “येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: । तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे मा चल मा चल: ।।”   कुछ लोग ऋषि पंचमी को रक्षा बंधन के पर्व के रुप में मनाते है। यह बड़े दुःख की बात हैं कि स्नेह के प्रतीक इस त्यौहार को कुछ लोगों ने सिर्फ लेन देन का औपचारिक पर्व बना दिया है। रक्षा बंधन का धागा मात्र धागा नही, यह स्नेह सुत्र है, रक्षा कवच है, जिसके हाथों में इसे बांधा जाता है उनका दायित्व बांधने वाले के प्रति बढ़ जाता है, केवल उपहार देकर लेकर वह इससे मुक्त नहीं हो सकते। हर माता-पिता का कर्तव्य हें कि प्रत्येक बालक को बचपन से ही नारियों की अस्मिता के सम्मान की रक्षा की शिक्षा दी जाय। और बहनें हरदम अपने भाई की मंगल कामना करती रहे, उसका जीवन सुखमय हो ईश्वर से यही प्रार्थना करती रहे । सरहद की रक्षा करने वाले हमारे वीर जवानों, भाईयों की लंबी उम्र की कामना करें।   वास्तव में यह पर्व प्रत्येक इंसान का एक दूजे के प्रति प्रेम और विश्वास प्रकट करने का पर्व है। हम भी विष्णु बनकर समाज में व्यापत कुरीतियों को नष्ट करने का प्रयत्न करें। प्राणी मात्र की रक्षा के लिये दृढ संकल्प करें। तभी इस पर्व की सार्थकता सही मायनों में होगी।   रक्षा बंधन पर्व की आप सभी पाठकों को शुभकामनाएँ, कवयित्रि सुभद्रा कुमारी चौहान की इन पंक्तियों के साथ बहिन आज फूली समाती न मन में। तड़ित् आज फूली समाती न घन में॥ घटा है न फूली समाती गगन में। लता आज फूली समाती न वन में॥ कहीं राखियाँ हैं चमक है कहीं पर, कहीं बूँद है, पुष्प प्यारे खिले हैं। ये आई है राखी, सुहाई है पूनों, बधाई उन्हें जिनको भाई मिले हैं॥ -

 मंजू लोढ़ा ---------------------------------- 

कविता शीर्षक - एक सैनिक की बहन की चिट्ठी अपने भाई के नाम 
 फिर आ गया राखी का त्यौहार। 
भाई बहन के पवित्र बंधन का त्यौहार।
 रक्षा और आशीर्वाद से हरा-भरा त्यौहार।
 श्रावणी पूर्णिमा का जगमगाता त्यौहार। 
भैया, इस राखी पर क्या आओगे घर ? 
घर की चोखट पर थाल सजाये बैठी हूं। 
हाथों में राखी, रास्ता तकती निगाहें।
 कितने बरस बीत गये, राखी के पर्व पर, घर नहीं आए ? 
इस बार भैया आ जाओ! मैं तुम्हें अपने हाथों से केसरी तिलक लगाऊँ। 
मंगल गीत गांऊ। आरती उतारुँ। मुंह मीठा कराऊँ।
 तुम्हारी कलाई पर आशीर्वादों की, प्रार्थनाओं की तिरंगी राखी बांधू। 
तुम्हारी लंबी उम्र के लिये दुआंए मांगू।
 युं तो दिन-रात मेरी प्रार्थनाओं में तुम रहते हो।
 मां-पिता का आशीर्वाद, बहन की दुआएं, पत्नी का करवा चौथ, तुम्हारे इर्द-गिर्द कवच बन मंडराता होगा।
 पर दिल हरदम डरता है। यह कवच कोई भेद न पाये।
 ईश्वर से यही विनंती बारबार करती रहती हूं। याद आती है, रह-रहकर, वह बचपन की राखी। 
मेरी हर नादानी, हर गलती पर, तुम्हारा मुस्कुराना। 
हर डांट से बचाना। मेरे लिये घर में सबसे लड़ना। 
कितनी बातें है़ जो दिल तुमसे करना चाहता है। 
अगले बरस तो ब्याह है! फिर, दूर चली जाऊंगी। 
इस बार आ जाओ। राखी का त्यौहार मिलकर मनाते है।
 वही घमाचौकडी़, वही शरारतें, हुड़दग मचाते है।
 फिर से, जी लेते है बचपन को!
 इस घर को गुलजार करते है। 
दरो दीवार को, इस मकान को, घर बनाते है। 

  - मंजू लोढ़ा, स्वरचित

Monday, 16 August 2021

P S NEWS

नई मुंबई के सेक्टर-14 की एक अस्पताल में वैक्सीन केंद्र में फ्री वैक्सीन और खाने पीने की व्यवस्था देकर मानवता का परिचय दिया समाजसेवक राजेश शेट्टी ने!! पूरी खबर के लिये क्लिक करें👇👇👇 https://www.youtube.com/watch?v=lUlpS60MXQk

Thursday, 12 August 2021

P S NEWS

 मुंबई-साकीनाका जंक्शन पर क्लीन-अप के नाम पर वसूली करने वाले होंगे ब्लैक लिस्ट!!



पूरी खबर के लिये क्लिक करें👇👇👇

https://www.youtube.com/watch?v=YOMrfR1LTU8

Monday, 9 August 2021

P S NEWS

 -मुंबई बीएमसी एल वार्ड में अवैध निर्माण को लेकर अवैध निर्माणकर्ता ने पुजारी पर किया हमला!!



पूरी खबर के लिये क्लिक करें👇👇👇

https://www.youtube.com/watch?v=ulIvTWO2Vb4

Friday, 6 August 2021

P S NEWS

 मुंबई-विद्या विहार में हंसा रिसर्च सेंटर प्रायवेट लिमिटेड ने महामारी के दौर में 19 वर्करों का रोजगार छीना!! 


पूरी खबर के लिये क्लिक करें👇👇👇

https://www.youtube.com/watch?v=XKCfRQAzUec

Tuesday, 3 August 2021

P S NEWS

 मुंबई के नगरसेवक बनाम विधायक सांसद दो-दो पदों के वेतन को लेकर आरटीआई से खुलासा!! 


पूरी खबर के लिये क्लिक करें👇👇👇

https://youtu.be/2f-ytxmSaOQ

Sunday, 1 August 2021

P S NEWS

 31 जुलाई रफ़ी साहब की पुण्यतिथि पर बीएमसी के रिटायर्ड अधिकारी प्रकाश दाभोलकर ने *रफ़ी एक याद,एक नगमा*


 देखने के लिये क्लिक करें👇👇👇

https://www.youtube.com/watch?v=NnpU6POdQfU

मनीष नायर के अथक प्रयास से स्मशान भूमि का प्रस्ताव पास!

 मुंबई-पवई वार्ड क्रमांक 121 में आरोप-प्रत्यारोप के विवादों में चल रहे शिवसेना (शिंदे गुट)मनीष नायर और पूर्व नगरसेविका चंद्रावती मोरे के द्व...