Saturday, 7 October 2017

बिना अनुमति धरना प्रदर्शन, रैली, जुलूस एवं सभाएं पूर्णतः प्रतिबंधित , कार्यक्रमो की वीडियो ग्राफी भी कराना होगा अनिवार्य


बिना अनुमति धरना प्रदर्शन, रैली, जुलूस एवं सभाएं
पूर्णतः प्रतिबंधित ,

कार्यक्रमो की वीडियो ग्राफी भी कराना होगा अनिवार्य

पवित्र समय न्यूज़

हरदा / हरदा जिला सीमान्तर्गत किसी भी सार्वजनिक सड़क मार्ग/लोक स्थान पर बिना अनुमति के किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन, रैली, जुलूस एवं सभाऐं आयोजित किया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया है। ऐसे आयोजनों में अस्त्र-शस्त्रों का धारण करना तथा उनका प्रदर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। उक्त आदेश शनिवार को कलेक्टर अनय द्विवेदी ने जारी किया। साथ ही आदेश का पालन नही करने वालो पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जायेगी।

न्यायाधिपति, न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी, शासकीय अभिभाषक, सुरक्षा एवं अन्य किसी शासकीय कर्तव्य पालन के समय ड्यूटी पर लगाये गये सुरक्षा बलों एवं अर्द्ध सैनिक बलो एवं पुलिस कर्मियों, विशिष्ट व्यक्तियों/अधिकारियों की सुरक्षा हेतु लगाये गये पुलिस कर्मी, बैंक गार्ड उक्त प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे। ऐसे आयोजनों में किसी भी प्रकार के कट आऊट बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स, होर्डिंग, झंडे, आदि जिन पर शासन अथवा किसी भी धर्म, व्यक्ति, सम्प्रदाय, जाति या समुदाय के विरूद्ध नारे या अन्य भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया हो अथवा जिससे शांति भंग होने की संभावना उत्पन्न हो, का प्रकाशन एवं उसका किसी भी सार्वजनिक एवं निजी स्थल पर प्रदर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे आयोजनों के दौरान एवं अन्य स्थितियों में भी किसी भी भवन/सम्पत्ति (सार्वजनिक अथवा निजी) पर आपत्तिजनक भाषा अथवा भड़काऊ नारे लिखा जाना प्रतिबंधित होगा। ऐसे आयोजनों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल/माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप ही किया जा सकेगा तथा डी.जे. पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे आयोजन/प्रदर्शन के दौरान किसी प्रकार की शासकीय या किसी निजी सम्पत्ति को क्षति पहुँचती है तो उसकी क्षतिपूर्ति आयोजकों से की जावेगी। ऐसे आयोजनों में आतिशबाजी का उपयोग माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के तहत प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी शासकीय कार्याल्य, न्यायालय, चिकित्सालय एवं विद्यालय से 200 मीटर की परिधि में किसी भी स्थल पर धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी। ऐसे किसी भी आयोजन किये जाने के पूर्व आवेदन क्षेत्र के एस.डी.एम. को प्रस्तुत किया जावें।
     यदि ऐसे आयोजनों का स्थल एक से अधिक एसडीएम के क्षेत्र में आता है या या उसमें 3000 से अधिक की संख्या में भीड़ के एकत्रित होने की संभावना है, तो ऐसे आवेदन पत्र अपर जिला दंडाधिकारी को प्रस्तुत किया जावे। सभी कार्यक्रम के लिये आवेदन सक्षम पुलिस अधिकारी के अभिमत के साथ कम से कम 48 घंटे के पूर्व किया जाना तथा पुलिस अधिकारी के बिना आवेदन पत्र कम से कम आयोजन के 72 घंटे पूर्व प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होगा। अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त आयोजकों की यह भी जिम्मेदारी होगी कि वह पूरे कार्यक्रम/आयोजन की वीडियोग्राफी कर 48 घण्टे के भीतर उस अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे, जिनसे आयोजन की अनुमति प्राप्त की है। यह आदेश सर्व साधारण को सम्बोधित है और क्योंकि वर्तमान में आमजन को होने वाली बाधा/न्यूसेंस या खतरे का निवारण करना अनिवार्य है तथा विभिन्न धरना प्रदर्शन, रैली, जुलूस एवं सभाओं को विनियमित करना अनिवार्य है, इसलिये इन परिस्थितियों में आदेश की व्यक्तिगत तामीली एवं सुनवाई करना सम्भव नहीं है। अतः यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया है।
    आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं अन्य दण्डात्मक प्रावधानों के तहत दण्डनीय होगा। कोई भी आवेदन जिला प्रशासन की वेबसाईट पर समस्त जानकारी दर्ज किया जाना आवश्यक है, तत्पश्चात् ही सक्षम अधिकारी द्वारा उपयुक्त निर्णय लिया जा सकेगा। कलेक्टर कार्यालय, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय, तहसील कार्यालय अथवा थाना में दिये गये आवेदन मान्य नहीं किये जायेंगे। समस्त थाना प्रभारी अपने कार्य क्षेत्र में सतत् निगरानी करेंगे तथा इस आदेश का उल्लंघन होने पर स्वतः ही संज्ञान में लेकर नियमानुसार आगामी कार्यवाही करेंगे। कलेक्टर श्री अनय द्विवेदी द्वारा आदेश में उल्लेख किया गया है कि मुझे प्राप्त सूचना तथा समाचार पत्रों माध्यम से यह ज्ञात हुआ है कि बिना किसी पूर्व सूचना एवं अनुमति के विभिन्न राजनैतिक दल, धार्मिक संगठन, किसान संगठन एवं अन्य सामाजिक संगठनों एवं व्यक्तियों द्वारा शासकीय/अर्द्ध शासकीय कार्यालयों एवं सार्वजनिक सड़क मार्ग/लोक स्थान, जो जनता द्वारा विधि पूर्व उपयोग में लाई जाती है या लाई जा सकती है, पर धरना प्रदर्शन, रैलियाँ, जुलूस एवं सभाएँ आयोजित की जाती है और कई बार सक्षम अनुमति उपरान्त भी आयोजकों द्वारा अनुमति की शर्तो का पालन नहीं किया जाता एवं अस्त्र अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन भी खुले आम किया जाता है, जिसे लोक स्थान/सार्वजनिक सड़क मार्ग, शासकीय/अर्द्धशासकीय कार्यालयों में विधि विरूद्ध बाधा एवं खतरा उत्पन्न हो रहा है तथा आम जनता में क्षोभ की भावना उत्पन्न होती है।

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