Monday, 20 November 2017

*जिनके ह्रदय मैंआनंद प्रकट होता है उनके यहाँ हर पल ही आनंद और उत्साह होता है,* *पंडित श्री अभिषेकानंद जी महाराज*


*जिनके ह्रदय मैंआनंद प्रकट होता है उनके यहाँ हर पल ही आनंद और उत्साह होता है,*
                        *पंडित श्री अभिषेकानंद  जी महाराज*

     *हरदा /गहाल* *ग्राम गहाल में चतुर्थ दिवस की पावन कथा को श्रवण कराते हुए पंडित अभिषेकनन्द जी महाराज ने सर्वप्रथम राष्ट्रीय कल्याण के लिए शांति संदेश गाया ध्रुव चरित्र का श्रवण कराते  हुए कहा कि मनुष्य की भगवान के प्रति अटल श्रद्धा और विश्वास हो तो भगवान   ध्रुव की तरह हमें भी प्राप्त हो सकती है  मीरा ने भगवान को प्राप्त किया शबरी प्रहलाद आदि ऐसे भक्त हुए जिन्होंने विश्वास से ही भगवान को प्राप्त किया है मगर भक्ति में स्वार्थ है तो वह भक्ति कभी ईश्वर  तक नहीं पहुंचती कर्म  पंचध्यायी का वर्णन पुरजन उपारव्यान नारायण कवच का उपदेश देते हुए ब्रह्मचर्य गृहस्थ प्राणस्थऔर सन्यास आश्रम के बारे में बताया साथ ही  रामचरितमानस सूर्यवंश निमिवंश एवं चंद्र वंश का वर्णन करते हुए बड़े ही धूमधाम के साथ भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया जिसमें विशेष रूप से शिशु मंदिर के बच्चों ने भी भाग लिया महाराज श्री पंडित अभिषेक आनंद जी ने इस बात से प्रसन्न होकर बच्चों को संस्कारित और चरित्रवान बनने के लिए कथा श्रवण कार्य को करने को कहा आज संस्कारों की आवश्यकता समाज के साथ साथ बच्चों में भी होना आवश्यक है भक्त सुनील सिंह राजपूत ने बताया कि महराज जी ने श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग का बड़ा सुंदर चित्रण किया पंडाल  मैं आनंद का आलम यह था कि इस अवसर पर  स्वयं को झूमने से कोई रोक नही पाया सभी के पैर अपना नियत्रण खो बैठे को खुद थिरकते रहे, कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान श्रदालाओ ने माखन मिश्री का भोग लगाकर जम कर जन्म उत्सव मनाया पूरा पंडाल कृष्ण मय हो गया था, जैसे ही जन्म के समय नंद घर आनंद भयो गोकुल की गलियों में काना आ गया ,आया रे आया बिरज में बाजे आज बधाई गाया पूरी कथा पूरा पंडाल आज मानव वृंदावन बन गया बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया कल गिरिराज पूजन के साथ 56 भोग लगाएं जाएगा*

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