*जहा इंद्रियों पर संयम हो वहा सुख का दरिया बहता है।- श्री असंगदेव महाराज*
*साईंधाम में आयोजित त्रिदिवसीय सुखद सत्संग में प्रथम दिन सत्संग सुनने उमड़ा भक्तो का जनसैलाब*
*मोहन गुर्जर*
*पवित्र समय न्यूज़*
*सिराली* / प्रदेश का भव्य एवं अदुतीय मंदिर साईंधाम की आठवीं बर्षगाँठ पर राष्ट्रीय संत श्री असंग देव जी महाराज की सुखद सत्संग सुनने शुक्रवार को विशाल भक्तो का जनसैलाब उमड़ा। त्रिदिवसीय सुखद सत्संग के प्रथम दिवस श्री असंगदेव महाराज ने भक्तो को अमृत सन्देश देते हुए कहा कि मेने बहुत मंदिर देखे लेकिन ऐसा मंदिर कहि नही देखा मुझे यहाँ की हरियाली से ओतप्रोत सुंदरता बाग बगीचा व् यहा की व्यवस्था बहुत ही अच्छी लगी। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन तो सबको मिलता है परन्तु जीने का सलीका कोई विरले को ही आता है। रूप की सुंदरता तब शोभा पाती है।जब कर्म का स्वरूप भी सुंदर हो उन्होंने कहा कि मानव् जीवन केवल खान पीनेे के लिए नही अपितु सत्संग भक्ति करके जागने से प्राप्त हुआ है।जहाँ बुराइयों का त्याग अच्छाइयों का अनुसरण और इंद्रियों पर संयम करता है वहाँ सुख का दरिया बहता है।
श्री गुरुदेव ने कहा कि हे धनवान विचारवान सर्वश्रेष्ठ मानव कब तक मोह माया में पड़कर ठोकरे खाते रहोगे बहुत भूल चुके हो अब भूल को भुलाकर स्वयं को याद करो तुम मोह माया से परे होकर जागो और खुद को पहचानो तथा अनमोल जीवन को सत्संग ज्ञान और सद्गुरु की भक्ति से परिस्कृत करो। श्री असंगदेवजी महाराज के मुखाग्रविंद से भजन सत्संग सुनने शुक्रबार को लगभग 5 हजार महिलाएं पुरुष पांडाल में सत्संग सुनने पहुचे थे।
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