*वर्ष दर वर्ष मौत की नींद सुला रहा बीएमसी एल वार्ड*
पवित्र समय पहले ही दे चूका था संकेत
पवित्र समय न्यूज़ (मुंबई)21 दिसंबर 2017
मुंबई-वर्ष दर वर्ष मौत की नींद सुला रहा बीएमसी एल वार्ड,ये कहना गलत नही होगा।अभी हाल ही में साकीनाका खैरानी रोड़ स्थित फरसान के कारखाने में भीषण आग लगी ओर 12 लोगों को अपनी चपेट में लिया जिससे उनकी मौत हो गयी।ये पिछले तीन चार वर्षो से लगातार एल वार्ड क्षेत्र में घटित हो रहा है।ज्ञात हो कि अवैध निर्माण करने के मामले में तो अव्वल है ही एल वार्ड ,अब मौत की नींद सुलाने में भी महारत हासिल करने की कोशिश में जुटा हुआ है।जबकि समय समय पर होने वाली घटनाओं के संकेत की खबरें पवित्र समय प्रकाशित करते आया है।इसके बाद भी एल वार्ड की लापरवाही ने 12 लोगों की मौत ने मनपा प्रशासन को बदनाम कर दिया।गौर करने वाली बात पिछले वर्ष सिटी किनारा होटल ब्लास्ट मामले में संबंधित अधिकारियों को निलंबित तो कर दिया लेकिन जिनकी जाने गयी उनको वापस लाया जा सकता है क्या?इस पर मनपा प्रशासन के पास जवाब नही है?वर्ष पूरा बीता भी नही कि 18 दिसंबर को खैरानी रोड़ पर भानु फरसान मार्ट में भयानक विस्फोट हुआ जिनमें 12 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी ओर कई घायल है।जिस पर राजनैतिक दलों ने चुप्पी साध रखी है।वहीँ स्थानीय समाजसेवक व तेजोमय सेवा संस्था के अध्यक्ष अखिलेश तिवारी ने भानु फरसान मार्ट अग्निकांड के पीड़ितों को 5 लाख व घायलों को 50 हजार मुआवजा देने की मांग के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से लेकर मनपा प्रशासन को लिखित पत्र देकर की है।अखिलेश तिवारी ने *पवित्र समय* को बताया कि ये सब घटनाओं के जिम्मेदार प्रशासन के ढीले रवैये के कारण होता है,लगातार एल वार्ड में कभी अवैध निर्माणों से तो कभी अवैध कारखानों से लोगों को अपनी जान देनी पड़ रही है,जिसका खामियाजा पीड़ित क्यों भुगते सरकार को इसका भुगतान करना चाहिए,क्योंकि सरकार अनेक प्रोजेक्ट में सिर्फ आम जनता का ही शोषण करती आ रही है। फेरीवालों पर तो अत्याचार किया जा रहा है लेकिन जो अवैध कारखाने चलाकर लोगों को मौत के घाट उतार रहे है।उनके ऊपर सरकार क्यों नही कार्रवाई करती लेकिन ,उनको मुआवजा राज्य सरकार को देना चाहिए क्योंकि मनपा का फेरीवाला विभाग उच्चअधिकारियों के दवाब में आये दिन कार्रवाई में जुटा हुआ है ,फिर मनपा का कारखाना विभाग क्या कर रहा है?जो लोगों को मौत की नींद सुला रहा है।गौरतलब है कि मनपा एल वार्ड के अधिकारियों की जिम्मेदारी थी फेरीवाले विभाग की तरह कार्रवाई करते तो इस तरह अवैध कारखानों पर भी अंकुश लग जाता और 12 लोगों की जाने नही जाती।
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