*SWD विभाग में आरटीआई कानून का उलंघन करने वाले अधिकारियों पर कब होगी कार्रवाई*
पवित्र समय न्यूज(मुंबई) 02/10/2018
मुंबई-पस्चिम उपनगर के अंधेरी पूर्व चकाला स्थित SWD विभाग में पूर्व आरटीआई कमिश्नर रत्नाकर गायकवाड़ के रिटायरमेंट के बाद जश्न मनाने वाले अधिकारियों में पहले स्थान पर चल रहे है, जिन्होंने आरटीआई कानून का जमकर उलंघन किया है जिसकी कुछ शिकायतें SWD विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर विजिलेंस विभाग तो आरटीआई कमिश्नर सुमित मलिक तक कि गयी है लेकिन क्या शिकायतों पर ध्यान देकर आरटीआई कानून का उलंघन करने वाले अधिकारियों पर उचित कार्रवाई होगी? प्राप्त जानकारी के अनुसार पस्चिम उपनगर में 9 बीएमसी वार्डो की जिम्मेदारी SWD विभाग के पास है जिनमें बड़े नालों की साफ सफाई,से लेकर बांधकाम तक कुल मिलाकर करोडों रुपये के टेंडर प्रत्येक वार्ड में काम कर रहे लेकिन पारदर्शिता लाने के लिये जब आरटीआई से अगर पेपर प्राप्त करना हो तो जनमाहिती अधिकारी सहायक अभियंता और अपीलीय अधिकारी कार्यकारी अभियंता द्वारा पूर्व आरटीआई कमिश्नर के रिटायरमेंट के बाद जमकर उलंघन किया गया है।जब एक एक वर्क ऑर्डर की जानकारी मांगी गयी लेकिन अधिकारी निरीक्षण देने में बहाने बाजी तो उनके द्वारा भेजे गये पत्रों में निरीक्षण की डेट समाप्त होने के बाद पत्र मिलना और आरटीआई कार्यकर्ता को लगातार चक्कर कटवाने से पहले स्थान पर SWD विभाग चल रहा है।जबकि अलग अलग वार्ड के सहायक अभियंता आरटीआई से पेपर मांगने पर एक ही जवाब देते है और अपीलीय अधिकारी कार्यकारी अभियंता अपील में सुनवाई की डेट पर भी एक तरफ़ा निर्णय लेते है कही कही तो अपील की सुनवाई की जानकारी भी अपीलकर्ता को नही होती और आदेश भेज दिया जाता है।इस बारे में जब अपीलीय अधिकारी में कार्यकारी अभियंता सोनावणे से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि आरटीआई एक कमाने का जरिया बन गया इसलिए एक ही जवाब दिया जाना हमारे स्टाप की मजबूरी बन गया है।गौरतलब है कि पिछले वर्ष SWD विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हुई थी जिसमें अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ साथ कंपनी भी ब्लैक लिस्ट की गयी वो सब आरटीआई की वजह भ्रष्टाचार की पोल खुली थी लेकिन इस वर्ष भी आरटीआई का उलंघन करना भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है।
पवित्र समय न्यूज(मुंबई) 02/10/2018
मुंबई-पस्चिम उपनगर के अंधेरी पूर्व चकाला स्थित SWD विभाग में पूर्व आरटीआई कमिश्नर रत्नाकर गायकवाड़ के रिटायरमेंट के बाद जश्न मनाने वाले अधिकारियों में पहले स्थान पर चल रहे है, जिन्होंने आरटीआई कानून का जमकर उलंघन किया है जिसकी कुछ शिकायतें SWD विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर विजिलेंस विभाग तो आरटीआई कमिश्नर सुमित मलिक तक कि गयी है लेकिन क्या शिकायतों पर ध्यान देकर आरटीआई कानून का उलंघन करने वाले अधिकारियों पर उचित कार्रवाई होगी? प्राप्त जानकारी के अनुसार पस्चिम उपनगर में 9 बीएमसी वार्डो की जिम्मेदारी SWD विभाग के पास है जिनमें बड़े नालों की साफ सफाई,से लेकर बांधकाम तक कुल मिलाकर करोडों रुपये के टेंडर प्रत्येक वार्ड में काम कर रहे लेकिन पारदर्शिता लाने के लिये जब आरटीआई से अगर पेपर प्राप्त करना हो तो जनमाहिती अधिकारी सहायक अभियंता और अपीलीय अधिकारी कार्यकारी अभियंता द्वारा पूर्व आरटीआई कमिश्नर के रिटायरमेंट के बाद जमकर उलंघन किया गया है।जब एक एक वर्क ऑर्डर की जानकारी मांगी गयी लेकिन अधिकारी निरीक्षण देने में बहाने बाजी तो उनके द्वारा भेजे गये पत्रों में निरीक्षण की डेट समाप्त होने के बाद पत्र मिलना और आरटीआई कार्यकर्ता को लगातार चक्कर कटवाने से पहले स्थान पर SWD विभाग चल रहा है।जबकि अलग अलग वार्ड के सहायक अभियंता आरटीआई से पेपर मांगने पर एक ही जवाब देते है और अपीलीय अधिकारी कार्यकारी अभियंता अपील में सुनवाई की डेट पर भी एक तरफ़ा निर्णय लेते है कही कही तो अपील की सुनवाई की जानकारी भी अपीलकर्ता को नही होती और आदेश भेज दिया जाता है।इस बारे में जब अपीलीय अधिकारी में कार्यकारी अभियंता सोनावणे से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि आरटीआई एक कमाने का जरिया बन गया इसलिए एक ही जवाब दिया जाना हमारे स्टाप की मजबूरी बन गया है।गौरतलब है कि पिछले वर्ष SWD विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हुई थी जिसमें अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ साथ कंपनी भी ब्लैक लिस्ट की गयी वो सब आरटीआई की वजह भ्रष्टाचार की पोल खुली थी लेकिन इस वर्ष भी आरटीआई का उलंघन करना भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है।
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