Sunday, 30 December 2018

*झोपड़पट्टियों में कुकुरमुत्ते की तरह सक्रिय हुये ठेकेदार*


पवित्र समय न्यूज(मुंबई)३०/१२/२०१८

मुंबई-बीएमसी में जहां १४ फिट के बने और बनने वाले अवैध निर्माण पर बीएमसी आयुक्त अजोय मेहता ने कड़ा रुख अपनाते हुये निर्देश पिछले वर्ष ही जारी किया और कार्रवाई की जब शुरुआत हुई तो बीएमसी अधिकारियों को काफी मस्कत करनी पड़ी और कार्रवाई को टालना पड़ा लेकिन पुराने झोपड़ों को तोड़ना तो रहा लेकिन नये झोपड़ों में दिन ब दिन बढ़ोतरी हो रही है।पवित्र समय के सर्वे के मुताबिक बीएमसी एम/पूर्व व एस वार्ड की झोपड़पट्टीयों में कुकुरमुत्ते की तरह ठेकेदार सक्रिय हुये है जो डबल तिबल मंजिला अवैध निर्माण करवाकर अन्य लोगों को मुसीबत में डाल रहे है।बताया जाता है कि एम/पूर्व विभाग के शिवाजी नगर झोपड़पट्टी के इलाके में सभी झोपड़पट्टियों में डबल तिबल मंजिला का मकड़जाल बिछा हुआ है जिससे स्थानीय नगरसेवक तथा संबंधित बीएमसी अधिकारी और मुकादम ले देकर अवैध निर्माण करवा रहे है।तो वही एस वार्ड के पवई इलाके में संबंधित अधिकारी बेखबर है और मुकादम तथा कुकुरमुत्ते की तरह बने ठेकेदारों द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है।इस बारे में सहायक अभियंता बालाजी घोडके से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नही दी जबकि संबंधित दुय्यम अभियंता दिलीप धूम ने बताया कि एस वार्ड के ईमारत विभाग में स्टाप की कमी होने के कारण साईट विजिट तथा शिकायतों पर ध्यान देने में विलंब हो रहा है।लेकिन जैसे जैसे समय मिलता है वैसे ही कार्रवाई की जायेगी।गौरतलब है कि एक अधिकारी को अतिरिक्त कार्य देने से मानसिक तनाव में अधिकारी अपनी ड्यूटी कर रहे है। समाजसेवक हरेश गुजेटी ने बताया कि झोपड़पट्टी इलाकों में अधिकारी अवैध निर्माण पर ध्यान नही देते जबकि मुकादम और ठेकेदार मिलकर अवैध निर्माण को अंजाम दे रहे है।इसलिये झोपड़पट्टियों में जारी अवैध निर्माण की रोकथाम के लिये कुकुरमुत्ते की तरह पनप रहे ठेकेदारों पर एमआरटीपी जैसी कार्रवाई करने की जरूरत है तब ही अवैध निर्माण थम सकता है।सूत्रों ने बताया कि एस वार्ड के ईमारत विभाग में गुटबाजी शुरू है जो पार्टी के कुछ तथाकथित लोगों के ठेकेदार नियुक्त हुये पार्टी की धौंस पर अधिकारी पर दवाब बनाकर अवैध निर्माण करवाया जाता है।जिस पर कार्रवाई करने में अधिकारी को दबाने का प्रयास किया जाता है।पवई प्रभाग १२१  व १२२ में इस प्रकार की घटना आम बात है।

Saturday, 29 December 2018

*वार्ड ऑफिसर मनीष वलुजूं का हिटलरशाही फरमान*

अवैध निर्माण की शिकायत पर शिकायतकर्ताओं के घरों को नोटिस

पवित्र समय न्यूज(मुंबई) २९/१२/२०१८

मुंबई-कुर्ला पस्चिम स्थित बीएमसी एल वार्ड जहां अवैध निर्माणों और हादसों से बदनाम चल रहा है, तत्कालीन वार्ड ऑफिसर अजितकुमार आंबी और उनके अधीन कार्यरत ईमारत अधिकारी सागर करपे,निवेदन तोरने ने अवैध निर्माण करवाकर जहां वार्ड ऑफिसर मनीष वलुजूं के लिये सिरदर्द बना दिया वही अजितकुमार आंबी का तो ट्रांसफर हो गया लेकिन शिकायतों के आंकड़ों का सामना मनीष वलुजूं को करना पड़ा रहा है।उच्च अधिकारियों तथा न्यायालय की फटकार से बचने के लिये मनीष वलुजूं ने नया तरीका अपनाते हुये शिकायतकर्ताओं के घरों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।सूत्रों ने बताया की कुर्ला एल वार्ड में वार्ड ऑफिसर बनकर आये मनीष वलुजूं कुछ दिन तो मौन रहे लेकिन जब लगातार अवैध निर्माण की शिकायतों से परेशान होकर उन्होंने हिटलरशाही फरमान लागू कर दिया है बताया जाता है जो शिकायतकर्ता शिकायत करेगा उसके घर को नोटिस देकर उसे दबाने का प्रयास हो रहा है।गौरतलब है पिछले वर्ष से बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता ने सभी शिकायतों को ऑनलाइन शिकायतों के दायरे में लाकर अधिकारियों का मनोबल बढ़ाया है उसी का नतीजा यह निकला अवैध निर्माण रुकने की बजाय बढ़ते ही जा रहे है।और शिकायतों में इजाफा हुआ है जिससे वार्ड स्तर पर वार्ड ऑफिसरों को न्यायालय तथा उच्च अधिकारियों और राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर आना पड़ रहा है।लेकिन कुर्ला एल वार्ड के आंकड़े मुंबई महानगर पालिका में नंबर वन पर चल रहे है और उसी को छुपाने के लिये शिकायतकर्ताओं को नोटिस दिया जा रहा है।स्थानीय पत्रकार बिन्नी अरुण दलवी ने बताया कि वार्ड ऑफिसर मनीष वलुजूं को सबसे पहले अपने भ्रष्टाचारी अधिकारियों की लिस्ट पर ध्यान देकर उनको मेमो देना चाहिये और जो शिकायतकर्ता है उनकी शिकायतों को गम्भीरतपूर्वक लेकर उसकी जांच करना चाहिए फिर अगर शिकायतकर्ता अगर गलत शिकायत करता है तब उनको नोटिस देना उचित है लेकिन साथ ही उक्त संबंधित अधिकारियों पर भी विभागीय जांच शुरू करके कार्रवाई करना चाहिए अगर ऐसा नही होता है तो यह एल वार्ड में हिटलरशाही फरमान के खिलाफ शिकायतकर्ता सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन करेंगे।पत्रकार सतीश गुप्ता ने बताया की यह अंधा कानून एल वार्ड में चल रहा है पहले अपने विभाग में चल रहे बंदरबांट की रोकथाम करना चाहिये कैसे अवैध निर्माण होते है उसकी तह तक जाकर निर्णय लेने की जरूरत है नही की शिकायतकर्ताओं की आवाज दबाने का प्रयास करना चाहिए,योग्य निर्णय यही बनता है संबंधित अधिकारियों पर गाज गिरेगी तब ही एल वार्ड की छवि सुधर सकती है।

Friday, 21 December 2018

*७१४ साल बाद हुंडीया परिवार का प्रथम महा सम्मेलनः हार्दिक हुंडीया*

 पवित्र समय न्यूज २१ /१२/२०१८

 ७१४ साल बाद हुंडीया पदवी मिलने के बाद पूरे भारत में से प्रथम बार हुंडी हुंडीया परिवार का परिचय समारोह एक महा सम्मलेन के रूप में आयोजित होने जा रहा है। दिनांक २२ और २३ दिसंबर को अहमदाबाद में एक भव्य महासम्मलेन एक भव्य महासम्मलेन एक एतिहासिक पर्व के रूप में मनाया जायेगा। हुंडीया परिवार एक दूसरे से मिलेंगे और इस मेल-मिलाप से लोग इतने साल के अंतराल के बाद एक दूसरे के करीब आयेंगे। सुलतान अलाउद्दीन मसूद की ९ लाख सोनामोहर की हुंडी विक्रम सवंत १४४० में यानी अंदाजित ७१४ साल पहलेतीन लोकों के नाथ देवाधीदेव परमात्मा, जीवदया प्रतिपालक, भगवान नेमिनाथ दादा की अधिष्ठायक देवी माँ अंबिका माता के परम भक्त दादा फांदासाजी ने स्वीकारी थी और तब हुंडीया पदवी मिली थी यह बात बताते हुये वरीष्ठ अग्रणी हार्दिक हुंडीया कहते है की चार भुजा वाली माता अंबिका माँ का अद्‌भुत आशीर्वाद सब पर है। वात्सल्य और तेजस्वी मुख मुद्रा में मंद-मंद मुस्कुराती माता के दर्शन मात्र से ही जीवन धन्य धन्य हो जाता है। अंदाजित ७१४ साल पहले नौ लाख सोनामोहर की हुंडी स्वीकार कर हुंडीया पदवी दिलाने वाले दादा फांदासा परिवार के परिजन बहुत ही भाग्यशाली है। सोचिए उस जमाने के ९ लाख सोनामोहर की कीमत आज कितनी हुई? यह हम सोच भी नहीं सकते! करीब ७१४ साल बाद हुंडीया पदवी मिलने के बाद हुंडीया परिवार पहली बार एक साथ एक मंच पर आएंगे। इस महा सम्मेलन को भव्य अति भव्य बनाने के लिए सभी हुंडीया परिवार पूरी लगन और उल्लास से इस भव्य आयोजन के लिए सक्रिय हो गये हैं।अहमदाबाद में होने जा रहे इस सम्मेलन में पूरे भारत में बसे हुए हुंडीया परिवार पहली बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलेंगे। विविध क्षेत्र में व्यापार उद्योग के साथ-साथ उनकी प्रतिभा को भी दिखाने का सम्मेलन में मौका दिया जाएगा। इस सम्मेलन के मुख्य लाभार्थी मिश्रीमल आसारामजी हुंडीया परिवार के बाबूभाई, मदनभाई, हीराचंदभाई सह उगमभाई हुंडीया कहते हैं कि ७१४ साल बाद पहली बार विशाल मंच पर कार्यक्रम होने जा रहा है। निश्चित तौर पर यह एक भव्य अतिभव्य सम्मेलन होगा, जिसमेें देश-विदेश के सभी हुंडीया परिवार पधारेंगे। इस महासम्मेलन मेें बाम्बे बुलियन असोसिएशन के पूर्व प्रमुख सुरेश हुंडीया उपस्थित रहेेंगे। भारत के कोने कोने से हुंडीया परिवार इस महासम्मेलन मेें हिस्सा लेने आ रहे हैैं। मुंबई से दिलीप हुंडीया, कांती हुंडीया, सुमेरमल हुंडीया, अरविंद हुंडिया, डीसा से मीठालाल हुंडीया, कांतीलाल हुंडीया, बालोतरा से जवाहरलाल हुंडीया,विजयवाडा से दलीचंदजी हुंडीया, ठाणे से मदन जी हुंडीया, जोधपुर भंवरलाल जी हुंडीया, हालोल से शंकर हुंडीया, हैदराबाद से राकेश हुंडीया,अहमदाबाद राजस्थान अस्पताल के चेअरमन सतीश हुंडीया, जयपुर से ललीत हुंडीया सहित देश के कोने कोने मेें बसे सभी हुंडीया परिवार हर्ष उल्लास के साथ इस महासम्मेलन को खास बनाने के लिये उपस्थित हो रहे हैैं। स्टार रिपोर्ट के संपादक हार्दिक हुंडीया ने इस महा सम्मलेन के आयोजन में अपने विचारों से अवगत कराते हुए कहते हैं कि हम बहुत ही भाग्यशाली हैं कि हमारी कुलदेवी माता चार भुजावाली माँ अंबिका हैं, जो गिरनार पर्वत पर बिराजमान हैं। हमारे तीन लोक के नाथ देवाधिदेव परम कृपालु परमात्मा दादा नेमीनाथ दादा की अधीष्टायक देवी है । हम कभी सोच भी नहीं सकते थे कि ७१४ साल के बाद यानी हमारे दादा फाँदासा परिवार के लोग एक साथ अहमदाबाद में मिल रहे हैं। पूरे परिवार में भारी उत्साह है।

मनीष नायर के अथक प्रयास से स्मशान भूमि का प्रस्ताव पास!

 मुंबई-पवई वार्ड क्रमांक 121 में आरोप-प्रत्यारोप के विवादों में चल रहे शिवसेना (शिंदे गुट)मनीष नायर और पूर्व नगरसेविका चंद्रावती मोरे के द्व...