*७१४ साल बाद हुंडीया परिवार का प्रथम महा सम्मेलनः हार्दिक हुंडीया*
पवित्र समय न्यूज २१ /१२/२०१८
७१४ साल बाद हुंडीया पदवी मिलने के बाद पूरे भारत में से प्रथम बार हुंडी हुंडीया परिवार का परिचय समारोह एक महा सम्मलेन के रूप में आयोजित होने जा रहा है। दिनांक २२ और २३ दिसंबर को अहमदाबाद में एक भव्य महासम्मलेन एक भव्य महासम्मलेन एक एतिहासिक पर्व के रूप में मनाया जायेगा। हुंडीया परिवार एक दूसरे से मिलेंगे और इस मेल-मिलाप से लोग इतने साल के अंतराल के बाद एक दूसरे के करीब आयेंगे। सुलतान अलाउद्दीन मसूद की ९ लाख सोनामोहर की हुंडी विक्रम सवंत १४४० में यानी अंदाजित ७१४ साल पहलेतीन लोकों के नाथ देवाधीदेव परमात्मा, जीवदया प्रतिपालक, भगवान नेमिनाथ दादा की अधिष्ठायक देवी माँ अंबिका माता के परम भक्त दादा फांदासाजी ने स्वीकारी थी और तब हुंडीया पदवी मिली थी यह बात बताते हुये वरीष्ठ अग्रणी हार्दिक हुंडीया कहते है की चार भुजा वाली माता अंबिका माँ का अद्भुत आशीर्वाद सब पर है। वात्सल्य और तेजस्वी मुख मुद्रा में मंद-मंद मुस्कुराती माता के दर्शन मात्र से ही जीवन धन्य धन्य हो जाता है। अंदाजित ७१४ साल पहले नौ लाख सोनामोहर की हुंडी स्वीकार कर हुंडीया पदवी दिलाने वाले दादा फांदासा परिवार के परिजन बहुत ही भाग्यशाली है। सोचिए उस जमाने के ९ लाख सोनामोहर की कीमत आज कितनी हुई? यह हम सोच भी नहीं सकते! करीब ७१४ साल बाद हुंडीया पदवी मिलने के बाद हुंडीया परिवार पहली बार एक साथ एक मंच पर आएंगे। इस महा सम्मेलन को भव्य अति भव्य बनाने के लिए सभी हुंडीया परिवार पूरी लगन और उल्लास से इस भव्य आयोजन के लिए सक्रिय हो गये हैं।अहमदाबाद में होने जा रहे इस सम्मेलन में पूरे भारत में बसे हुए हुंडीया परिवार पहली बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलेंगे। विविध क्षेत्र में व्यापार उद्योग के साथ-साथ उनकी प्रतिभा को भी दिखाने का सम्मेलन में मौका दिया जाएगा। इस सम्मेलन के मुख्य लाभार्थी मिश्रीमल आसारामजी हुंडीया परिवार के बाबूभाई, मदनभाई, हीराचंदभाई सह उगमभाई हुंडीया कहते हैं कि ७१४ साल बाद पहली बार विशाल मंच पर कार्यक्रम होने जा रहा है। निश्चित तौर पर यह एक भव्य अतिभव्य सम्मेलन होगा, जिसमेें देश-विदेश के सभी हुंडीया परिवार पधारेंगे। इस महासम्मेलन मेें बाम्बे बुलियन असोसिएशन के पूर्व प्रमुख सुरेश हुंडीया उपस्थित रहेेंगे। भारत के कोने कोने से हुंडीया परिवार इस महासम्मेलन मेें हिस्सा लेने आ रहे हैैं। मुंबई से दिलीप हुंडीया, कांती हुंडीया, सुमेरमल हुंडीया, अरविंद हुंडिया, डीसा से मीठालाल हुंडीया, कांतीलाल हुंडीया, बालोतरा से जवाहरलाल हुंडीया,विजयवाडा से दलीचंदजी हुंडीया, ठाणे से मदन जी हुंडीया, जोधपुर भंवरलाल जी हुंडीया, हालोल से शंकर हुंडीया, हैदराबाद से राकेश हुंडीया,अहमदाबाद राजस्थान अस्पताल के चेअरमन सतीश हुंडीया, जयपुर से ललीत हुंडीया सहित देश के कोने कोने मेें बसे सभी हुंडीया परिवार हर्ष उल्लास के साथ इस महासम्मेलन को खास बनाने के लिये उपस्थित हो रहे हैैं। स्टार रिपोर्ट के संपादक हार्दिक हुंडीया ने इस महा सम्मलेन के आयोजन में अपने विचारों से अवगत कराते हुए कहते हैं कि हम बहुत ही भाग्यशाली हैं कि हमारी कुलदेवी माता चार भुजावाली माँ अंबिका हैं, जो गिरनार पर्वत पर बिराजमान हैं। हमारे तीन लोक के नाथ देवाधिदेव परम कृपालु परमात्मा दादा नेमीनाथ दादा की अधीष्टायक देवी है । हम कभी सोच भी नहीं सकते थे कि ७१४ साल के बाद यानी हमारे दादा फाँदासा परिवार के लोग एक साथ अहमदाबाद में मिल रहे हैं। पूरे परिवार में भारी उत्साह है।
पवित्र समय न्यूज २१ /१२/२०१८
७१४ साल बाद हुंडीया पदवी मिलने के बाद पूरे भारत में से प्रथम बार हुंडी हुंडीया परिवार का परिचय समारोह एक महा सम्मलेन के रूप में आयोजित होने जा रहा है। दिनांक २२ और २३ दिसंबर को अहमदाबाद में एक भव्य महासम्मलेन एक भव्य महासम्मलेन एक एतिहासिक पर्व के रूप में मनाया जायेगा। हुंडीया परिवार एक दूसरे से मिलेंगे और इस मेल-मिलाप से लोग इतने साल के अंतराल के बाद एक दूसरे के करीब आयेंगे। सुलतान अलाउद्दीन मसूद की ९ लाख सोनामोहर की हुंडी विक्रम सवंत १४४० में यानी अंदाजित ७१४ साल पहलेतीन लोकों के नाथ देवाधीदेव परमात्मा, जीवदया प्रतिपालक, भगवान नेमिनाथ दादा की अधिष्ठायक देवी माँ अंबिका माता के परम भक्त दादा फांदासाजी ने स्वीकारी थी और तब हुंडीया पदवी मिली थी यह बात बताते हुये वरीष्ठ अग्रणी हार्दिक हुंडीया कहते है की चार भुजा वाली माता अंबिका माँ का अद्भुत आशीर्वाद सब पर है। वात्सल्य और तेजस्वी मुख मुद्रा में मंद-मंद मुस्कुराती माता के दर्शन मात्र से ही जीवन धन्य धन्य हो जाता है। अंदाजित ७१४ साल पहले नौ लाख सोनामोहर की हुंडी स्वीकार कर हुंडीया पदवी दिलाने वाले दादा फांदासा परिवार के परिजन बहुत ही भाग्यशाली है। सोचिए उस जमाने के ९ लाख सोनामोहर की कीमत आज कितनी हुई? यह हम सोच भी नहीं सकते! करीब ७१४ साल बाद हुंडीया पदवी मिलने के बाद हुंडीया परिवार पहली बार एक साथ एक मंच पर आएंगे। इस महा सम्मेलन को भव्य अति भव्य बनाने के लिए सभी हुंडीया परिवार पूरी लगन और उल्लास से इस भव्य आयोजन के लिए सक्रिय हो गये हैं।अहमदाबाद में होने जा रहे इस सम्मेलन में पूरे भारत में बसे हुए हुंडीया परिवार पहली बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलेंगे। विविध क्षेत्र में व्यापार उद्योग के साथ-साथ उनकी प्रतिभा को भी दिखाने का सम्मेलन में मौका दिया जाएगा। इस सम्मेलन के मुख्य लाभार्थी मिश्रीमल आसारामजी हुंडीया परिवार के बाबूभाई, मदनभाई, हीराचंदभाई सह उगमभाई हुंडीया कहते हैं कि ७१४ साल बाद पहली बार विशाल मंच पर कार्यक्रम होने जा रहा है। निश्चित तौर पर यह एक भव्य अतिभव्य सम्मेलन होगा, जिसमेें देश-विदेश के सभी हुंडीया परिवार पधारेंगे। इस महासम्मेलन मेें बाम्बे बुलियन असोसिएशन के पूर्व प्रमुख सुरेश हुंडीया उपस्थित रहेेंगे। भारत के कोने कोने से हुंडीया परिवार इस महासम्मेलन मेें हिस्सा लेने आ रहे हैैं। मुंबई से दिलीप हुंडीया, कांती हुंडीया, सुमेरमल हुंडीया, अरविंद हुंडिया, डीसा से मीठालाल हुंडीया, कांतीलाल हुंडीया, बालोतरा से जवाहरलाल हुंडीया,विजयवाडा से दलीचंदजी हुंडीया, ठाणे से मदन जी हुंडीया, जोधपुर भंवरलाल जी हुंडीया, हालोल से शंकर हुंडीया, हैदराबाद से राकेश हुंडीया,अहमदाबाद राजस्थान अस्पताल के चेअरमन सतीश हुंडीया, जयपुर से ललीत हुंडीया सहित देश के कोने कोने मेें बसे सभी हुंडीया परिवार हर्ष उल्लास के साथ इस महासम्मेलन को खास बनाने के लिये उपस्थित हो रहे हैैं। स्टार रिपोर्ट के संपादक हार्दिक हुंडीया ने इस महा सम्मलेन के आयोजन में अपने विचारों से अवगत कराते हुए कहते हैं कि हम बहुत ही भाग्यशाली हैं कि हमारी कुलदेवी माता चार भुजावाली माँ अंबिका हैं, जो गिरनार पर्वत पर बिराजमान हैं। हमारे तीन लोक के नाथ देवाधिदेव परम कृपालु परमात्मा दादा नेमीनाथ दादा की अधीष्टायक देवी है । हम कभी सोच भी नहीं सकते थे कि ७१४ साल के बाद यानी हमारे दादा फाँदासा परिवार के लोग एक साथ अहमदाबाद में मिल रहे हैं। पूरे परिवार में भारी उत्साह है।
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