*न्यूज डिबेट में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप पर्दे के पीछे की हकीकत कुछ और ,हम क्यों लड़े: हार्दिक हुंडिया*
पवित्र समय न्यूज(मुंबई) १८/०४/२०१९
मुंबई-फिर एक बार लोकसभा चुनाव में न्यूज डिबेट में नेताओ की बहस सुर्खियों में चल रही और जनता इन नेताओं द्वारा आरोप- प्रत्यारोप पर गौर करने की बजाय हम आपस में लड़ने लगते है।लेकिन पर्दे के पीछे क्या चल रहा है उसका गहन अध्ययन करने के बाद हार्दिक हुंडिया ने बताया कि एक बहुत ही गम्भीर बात बता रहा हूं यह पड़कर सोचना और अगर मौका मिला तो गौर भी करना एक न्यूज चैनल पर लाइव डिबेट में सभी पक्षों के नेतायें मौजूद रहते है जैसे भाजपा, कांग्रेस,शिवसेना,राष्ट्रवादी,सपा,बसपा सभी दलों के बड़े-बड़े नेता अपने- अपने पक्ष की भूल सुधारने की बजाय एक दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप लगाने में मशगूल होते रहने और खुद की गलती कोई मानने को तैयार नही होता। एक घँटे की बहस में हर १५ मिनिट के बाद एक इंटरवल होता है।और चैनल का एंकर जैसा ही बोलता है कि अब लेते है एक छोटा ब्रेक आप कही मत जाईयेगा मिलते है एक ब्रेक के बाद लेकिन उस ब्रेक के पीछे के बारे में हुंडिया ने बताया ब्रेक होते ही हम इधर उधर की बातें में लग जाते है और लाइव डिबेट में जिस प्रकार की बहस शुरू होती है ब्रेक के बाद लगता है एक दूसरे को मारने ना जाये।लेकिन ब्रेक बाद पर्दे के पीछे इनमें प्यार उमड़ पड़ता है ऐसे पेश आते है जैसे कोई घनिष्ठ रिश्ता है।कभी कभी देखा जाता है कि कोई नेता स्टुडियो में नही होता और दूसरे शहर से लाइव डिबेट समाप्त होने के बाद एक दूसरे से पूछते है नेताजी कुछ ज्यादा तो नही बोल दिया।अब इसी पर गौर करना है जब नेता अपना संबंध खराब नही करते तो हम क्यों करते है? हम संबंध अच्छा रखे वोट किसको देना है जैसा अपना मन करें वहाँ वोट देना हम सबका अधिकार है।लेकिन सही गलत क्या है इसको समझकर ही निर्णय लेना है।और साथ ही उन नेताओं के कारण हम क्यों लड़े अगर वो लोग एक है तो हम भी एक रहे जिससे हमारा देश भी खुशहाल होगा।
पवित्र समय न्यूज(मुंबई) १८/०४/२०१९
मुंबई-फिर एक बार लोकसभा चुनाव में न्यूज डिबेट में नेताओ की बहस सुर्खियों में चल रही और जनता इन नेताओं द्वारा आरोप- प्रत्यारोप पर गौर करने की बजाय हम आपस में लड़ने लगते है।लेकिन पर्दे के पीछे क्या चल रहा है उसका गहन अध्ययन करने के बाद हार्दिक हुंडिया ने बताया कि एक बहुत ही गम्भीर बात बता रहा हूं यह पड़कर सोचना और अगर मौका मिला तो गौर भी करना एक न्यूज चैनल पर लाइव डिबेट में सभी पक्षों के नेतायें मौजूद रहते है जैसे भाजपा, कांग्रेस,शिवसेना,राष्ट्रवादी,सपा,बसपा सभी दलों के बड़े-बड़े नेता अपने- अपने पक्ष की भूल सुधारने की बजाय एक दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप लगाने में मशगूल होते रहने और खुद की गलती कोई मानने को तैयार नही होता। एक घँटे की बहस में हर १५ मिनिट के बाद एक इंटरवल होता है।और चैनल का एंकर जैसा ही बोलता है कि अब लेते है एक छोटा ब्रेक आप कही मत जाईयेगा मिलते है एक ब्रेक के बाद लेकिन उस ब्रेक के पीछे के बारे में हुंडिया ने बताया ब्रेक होते ही हम इधर उधर की बातें में लग जाते है और लाइव डिबेट में जिस प्रकार की बहस शुरू होती है ब्रेक के बाद लगता है एक दूसरे को मारने ना जाये।लेकिन ब्रेक बाद पर्दे के पीछे इनमें प्यार उमड़ पड़ता है ऐसे पेश आते है जैसे कोई घनिष्ठ रिश्ता है।कभी कभी देखा जाता है कि कोई नेता स्टुडियो में नही होता और दूसरे शहर से लाइव डिबेट समाप्त होने के बाद एक दूसरे से पूछते है नेताजी कुछ ज्यादा तो नही बोल दिया।अब इसी पर गौर करना है जब नेता अपना संबंध खराब नही करते तो हम क्यों करते है? हम संबंध अच्छा रखे वोट किसको देना है जैसा अपना मन करें वहाँ वोट देना हम सबका अधिकार है।लेकिन सही गलत क्या है इसको समझकर ही निर्णय लेना है।और साथ ही उन नेताओं के कारण हम क्यों लड़े अगर वो लोग एक है तो हम भी एक रहे जिससे हमारा देश भी खुशहाल होगा।
No comments:
Post a Comment