*अजिंक्य डी वाई पाटिल के बायोटेक्नोलोजी और जैव सूचना विज्ञान स्कूल में नैनोटेक्नोलोजी पर वार्ता*
पवित्र समय न्यूज (मुंबई) १९ जुलाई २०१९
खाद्य उद्योग में नवीन तकनीक के ज्ञान को बढ़ावा देने के प्रयास के क्रम में अजिंक्य डी वाई पाटिल डीम्ड
विश्वविद्यालय, नवी मुंबई के जैव प्रौद्योगिकी और जैव सूचना विज्ञान स्कूल , के निदेशक प्रो. के कट्टीश कट्टी ग्रीन नैनो और कैंसर नैनो मंच,मिसौरी विश्वविद्यालय,
संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में "नैनो" अनुप्रयोगों को बढावा देने के लिए एक वार्ता का आयोजन किया गया। "
इस आयोजन से न केवल छात्रों, बल्कि खाद्य उद्योगों के अगुवा जनों में जिज्ञासा भी जगी। प्रो.कट्टेश कट्टी ने अपने द्वारा विकसित तकनीक को चांदी के नैनोकणों पर प्रस्तुत किया, इसका उपयोग खाद्य
उत्पादों के शेल्फ लाइफ को बढ़ाने और लक्षित लागतों पर
पदार्थों को सस्ती कीमत पर वितरित करने के लिए सुरक्षित
करने में किया जा सकता है।इससे खाद्य क्षेत्र में स्थाई विकास के मुद्दों को हल करने में
मदद मिली है ।
श्री अनंत कुमार हेगड़े, संसद
सदस्य, की पूरे वैज्ञानिक विचार-विमर्श के दौरान उपस्थिति का
बने रहना एक अलग उत्साह का संचार करता रहा ।प्रो. देबजानी दासगुप्ता , जैव
प्रौद्योगिकी और जैव सूचना
विज्ञान के निदेशक ने श्री हेगड़े को सम्मानित किया। देखा गया कि भारत का विकास हो सकता है अगर राष्ट्र की समृद्ध
परंपरा को समझते हुए आधुनिक तकनीक को हम लागू करें। यह इस ग्रह के सतत विकास के वैश्विक मानचित्र में
भारत के लिए एक अद्वितीयस्थान बनाने में मदद करेगा ।
पवित्र समय न्यूज (मुंबई) १९ जुलाई २०१९
खाद्य उद्योग में नवीन तकनीक के ज्ञान को बढ़ावा देने के प्रयास के क्रम में अजिंक्य डी वाई पाटिल डीम्ड
विश्वविद्यालय, नवी मुंबई के जैव प्रौद्योगिकी और जैव सूचना विज्ञान स्कूल , के निदेशक प्रो. के कट्टीश कट्टी ग्रीन नैनो और कैंसर नैनो मंच,मिसौरी विश्वविद्यालय,
संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में "नैनो" अनुप्रयोगों को बढावा देने के लिए एक वार्ता का आयोजन किया गया। "
इस आयोजन से न केवल छात्रों, बल्कि खाद्य उद्योगों के अगुवा जनों में जिज्ञासा भी जगी। प्रो.कट्टेश कट्टी ने अपने द्वारा विकसित तकनीक को चांदी के नैनोकणों पर प्रस्तुत किया, इसका उपयोग खाद्य
उत्पादों के शेल्फ लाइफ को बढ़ाने और लक्षित लागतों पर
पदार्थों को सस्ती कीमत पर वितरित करने के लिए सुरक्षित
करने में किया जा सकता है।इससे खाद्य क्षेत्र में स्थाई विकास के मुद्दों को हल करने में
मदद मिली है ।
श्री अनंत कुमार हेगड़े, संसद
सदस्य, की पूरे वैज्ञानिक विचार-विमर्श के दौरान उपस्थिति का
बने रहना एक अलग उत्साह का संचार करता रहा ।प्रो. देबजानी दासगुप्ता , जैव
प्रौद्योगिकी और जैव सूचना
विज्ञान के निदेशक ने श्री हेगड़े को सम्मानित किया। देखा गया कि भारत का विकास हो सकता है अगर राष्ट्र की समृद्ध
परंपरा को समझते हुए आधुनिक तकनीक को हम लागू करें। यह इस ग्रह के सतत विकास के वैश्विक मानचित्र में
भारत के लिए एक अद्वितीयस्थान बनाने में मदद करेगा ।
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