सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों को समयावधि में करे निराकरण
कलेक्टर अनय द्विवेदी ने अधिकारियो को दिए सख्त निर्देश
हरदा / जिले में अब सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को जिला प्रशासन गम्भीरता से लेकर उसके निराकरण के लिए कलेक्टर ने एक नई रुपरेखा तैयार की है अब शिकायते रद्दी की टोकरी और फाइलों में दबकर नही रहेगी अब जिस विभाग में शिकायत की वहाँ पर उस विभाग का ही एक कर्मचारी शिकायत की पूरी जानकारी से प्रतिदिन नोडल अधिकारी को अवगत कराएंगे साध ही अपने रोजनामचे में भी प्रतिदिन रिकार्ड लिखेगे।
प्रत्येक विभाग में शासकीय सेवक ओआईंसी होंगे नियुक्त
कलेक्टर अनय द्विवेदी ने सी.एम. हेल्पलाईन के प्रकरणो के समयावधि में निराकरण के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। निर्देश दिए है कि एल-1 स्तर पर जो नोडल अधिकारी है समस्त प्राप्त शिकायतों-आवेदनों के संबंध में अपने कार्यालय में एक शासकीय सेवक को ओआईसी नियुक्त करेंगे। जिसका दायित्व होगा कि वह शिकायतों-आवेदनों को निकालकर नोडल अधिकारी को अवगत कराए। प्रकरण जिस भी अधीनस्थ कर्मचारी से संबंधित है, वह उस अधीनस्थ कर्मचारी को प्रत्येक दिवस अवगत कराए। एक पंजी संधारित करेंगे, जिसमें अधीनस्थ कर्मचारी को सूचित करने की तिथि एवं शिकायत का संक्षिप्त विवरण दर्ज करेंगे। निर्देषित किया गया है कि ये कार्यवाही शिकायतों आवेदनों के दर्ज होने के 24 घण्टे की समयावधि में किया जाना होगा। यदि अधीनस्थ कर्मचारी को विलम्ब से सूचित किया जाता है तो अधीनस्थ कर्मचारी तत्काल उसकी सूचना नोडल अधिकारी को देंगे। उदाहरण के लिये यदि पंचायत विभाग की शिकायत है तो एल-1 नोडल अधिकारी सीईओ जनपद है। सीईओ जनपद कार्यालय से ओआईसी तत्काल संबंधित सचिव/जीआरएस को नोट करायेंगे एवं आगामी कार्यवाही सुनिश्चित कर सीईओ जनपद को अवगत कराएँगे। ज्ञात हो सी.एम. हेल्पलाईन के निराकरण का समस्त दायित्व सीईओ जनपद का ही होगा। संबंधित अधीनस्थ कर्मचारी 3 दिवस में उन शिकायतों-आवेदनों का स्थल पर पहुँचकर तथा आवेदक के समक्ष में चर्चा करते हुए उसका यथोचित निराकरण मौके पर ही करेंगे एवं प्रक्रिया को अभिलिखित करेंगे। यदि शिकायतों-आवेदनों का निराकरण संभव न हो तो तत्काल उसकी सूचना ओआईसी को देंगे। इसकी समयावधि 72 घंटे होगी। नोडल अधिकारी ऐसे शिकायतों-आवेदनों की जानकारी एवं अभिलेख प्राप्त कर संबंधित आवेदन-शिकायतकर्ता से चर्चा कर कार्यवाही करेंगे। इसकी समयावधि 24 घंटे होगी। यदि स्थल पर अधीनस्थ कर्मचारी द्वारा समस्या का निराकरण नहीं किया जा पाता है तो ऐसी स्थिति में नोडल अधिकारी अथवा अधीनस्थ कर्मचारी का दल बनाकर शिकायत-समस्या-आवेदन का निराकरण का प्रयास करेंगे। उसकी समस्त जानकारी पोर्टल पर दर्ज करेंगे। अधीनस्थ कर्मचारी/नोडल अधिकारी का प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त इस कार्यवाही की समयावधि 48 घंटे होगी। उपरोक्तानुसार प्राप्त शिकायतों-आवेदनों प्राप्त होने पर 7 दिवस में यथोचित निराकरण कर संबंधित से बात कर संतुष्ट करायेंगे एवं पोर्टल पर दर्ज करायेंगे। पोर्टल पर दर्ज होने के उपरान्त आयुक्त नर्मदापुरम् संभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप के अनुसार प्रविष्टि की जावें। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि ऐसे आवेदन प्रकरणों में कार्यवाही समयावधि में सम्पन्न न होने जैसे कि माँग संबंधी/न्यायालयीन प्रकृति/आवंटन इत्यादि के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी पोर्टल पर दर्ज किया जाना नोडल अधिकारी का दायित्व होगा तथा शिकायतकर्ता-आवेदक से सम्पर्क कर उसे संतुष्ट किये जाने का दायित्व नोडल अधिकारी का होगा। विभाग में एल-2 के नोडल अधिकारी नियुक्त है, उनकी द्वारा एल-2 पर पहुँचने वाली शिकायतों के लिये प्रक्रिया निर्धारित की जाती है कि संबंधित नोडल अधिकारी अपने कार्यालय में एक शासकीय सेवक को आआईसी नियुक्त करेंगे, जिसका दायित्व होगा कि एल-2 स्तर पर प्राप्त शिकायतों-आवेदनों को तत्काल नोडल अधिकारी को सूचित करेगा तथा संबंधित एल-1 नोडल अधिकारी को सूचित करेगा कि शिकायत-आवेदन एल-2 स्तर पर आ गई है। एल-1 नोडल अधिकारी उसकी शिकायत-आवेदन के संबंध में संक्षिप्त जानकारी वस्तुस्थिति 24 घंटे की समयावधि में नोडल अधिकारी को प्रेषित करेंगे। यदि एल-1 नोडल अधिकारी को एल-2 स्तर पर शिकायत पहुँचने के 24 घंटे के भीतर सूचना प्राप्त नही होती है तो उसकी जानकारी तत्काल एल-2 नोडल अधिकारी को देंगे। नोडल अधिकारी प्राप्त शिकायत आवेदन का परीक्षण कर अपने स्तर से स्वयं या दल गठित कर 48 घंटे की समयावधि में निराकरण सुनिश्ति करेंगे तथा स्वयं वस्तुस्थिति को पोर्टल पर दर्ज करवाना सुनिश्तित करेंगे। ऐसे आवेदन जिसका निराकरण सम्भव नहीं है जैसे कि माँग संबंधी/न्यायालयीन प्रकृति/आवंटन आदि इत्यादि के संबंध में एल-2 नोडल अधिकारी स्वयं शिकायतकर्ता-आवेदक से चर्चा सम्पर्क कर संतुष्ट क े तथा उसकी प्रविष्टि पोर्टल पर 24 घंटे की समयावधि में दर्ज करावेंगे। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि एल-2 नोडल अधिकारी के स्तर पर शिकायतों के निराकरण करने के पश्चात यदि पोर्टल पर प्रविष्टि दर्ज किये जाने में लापरवाही बरती जाती है, य अत्यंत खेदजनक है।
नोडल अधिकारी शिकायतों का मोके पर जाकर करे निराकरण
कलेक्टर श्री द्विवेदी ने कहा कि नोडल अधिकारी-अधीनस्थ कर्मचारी द्वारा सी.एम. हेल्पलाईन के आवेदनों-शिकायतों का स्वयं अध्ययन नहीं किया जाता और ना ही उनके निराकरण में गम्भीरता बरती जाती है। । यदि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति पाई जाती है तो उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी जिसके लिये वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
एल-3 स्तर पर कई विभागों में नोडल अधिकारी जिला कलेक्टर अथवा संबंधित विभाग के संभागीय अधिकारी नोडल है। कलेक्ट्रेड में प्रभारी अधिकारी श्रीमती प्रियंका गोयल, संयुक्त कलेक्टर है। प्रभारी अधिकारी एल-3 स्तर पर प्राप्त शिकायतों के संबंध में यह सुनिश्चित करेंगे कि इस शिकायत जो एल-3 स्तर पर दर्ज हुई है उसके संबंध में 24 घंटे की समयावधि में पोर्टल पर शिकायत का विवरण एवं निराकरण की जानकारी कलेक्टर समक्ष प्रस्तुत करेंगे। शिकायत-आवेदन के संबंध में एल-1 एवं एल-2 पर जो कार्यवाही हुई है वह अपने स्पष्ट अभिमत के साथ मेरे समक्ष प्रस्तुत करेंगे। यदि संभागीय अधिकारी है तो सूचना एवं जानकारी संभागीय अधिकारी को प्रेषित की जाये।
शिकायत-आवेदन एल-3 स्तर पर दर्ज होने के 24 घंटे की समयावधि में संबंधित एल-2 नोडल अधिकारी को शिकायत एल-3 पर दर्ज होने की जानकारी देंगे। उसकी नस्ति एल-2 संबंधित नोडल अधिकारी से 24 घंटे की समयाविध में प्राप्त की जावेगी, यदि सम्भव नहीं तो स्केन काॅपी ईमेल से प्राप्त की जावेगी। संबंधित एल-2 नोडल अधिकारी समयावधि में जानकारी कलेक्टोरेट को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करेंगे अथवा संभागीय अधिकारी को, जो लागू हो। उपरोक्त कार्यवाही एल-3 स्तर पर दर्ज होने के 24 घंटे की समयावधि में किया जाना होगा तत्पश्चात् प्राप्त शिकायतों-आवेदनों के संबंध में अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। अन्य विभाग जहाँ एल-3 संभागीय अधिकारी है, टीएल में नोट कराएँगे। यहाँ यह भी सुनिश्चित किया जावेगा कि एल-3 स्तर पर दर्ज होने के 5 दिवस के उपरान्त किसी भी शिकायत की प्रविष्टि पोर्टल पर दर्ज नहीं कराई जाती है तो ऐसे प्रकरणों को अवगत करायेंगे। उपरोक्तानुसार कार्यवाही करते हुये यह सुनिश्चित करेंगे कि एल-1, एल-2, एल-3 स्तर पर कोई भी शिकायत-आवेदन में कार्यवाही लंबित न हो। पूर्व में भी सूचित किया गया है कि एल-1, एल-2 स्तर पर आवेदन-शिकायतों में कार्यवाही नहीं की जाती है तो संबंधित नोडल अधिकारी/अधीनस्थ कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जावे। सी.एम. हेल्पलाईन एवं जनसुनवाई में प्राप्त आवेदन-शिकायतों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए नियमानुसार आगामी कार्यवाही समयसीमा में सुनिश्चित किया जावे।
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