*मजदूरों की जगह जेसीबी मशीनों से चल रहा मनरेगा में सड़क निर्माण कार्य*
*इंजीनियर बोले मुझे नही है जानकारी*
**मामला* - *ग्राम पंचायत रामपुरा का*
*मोहन गुर्जर 9826602564*
*पावित्र समय न्यूज़*
*हरदा / सिराली* , मनरेगा योजना में खुलेआम मनमाने तरीके से ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव काम करवा रहे है।जिस योजना में गरीब हितग्राहियो जो जॉबकार्डधारी है। उन्हें काम मिलना चाहिए। उनके स्थान पर बड़ी बड़ी जेसीबी मशीनों से सड़क का निर्माण कार्य दिन और रात चल रहा है। गरीब मजदूर काम की तलाश में पलायन कर अन्य राज्यो में जाकर मजदूरी कर रहे है। और यहाँ सड़क निर्माण में धोड़ी सी मशीनों की छूट क्या दे दी पूरी सड़क ही मशीनों से बनकर तैयार हो जाती है। और गरीब जॉबकार्डधारी मनरेगा योजना से वंचित रह जाते है। गरीबो के हक अधिकारों को किस प्रकार डकारा जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण आपको देखने को मिल जायेगा। खिरकिया बिकासखंड की ग्राम पंचायत रामपुरा में खुदिया मकड़ाई मार्ग से ग्राम विक्रमपुर खुर्द तक लगभग 1 किलोमीटर सड़क मनरेगा योजना अंतर्गत लाखो रूपये की लागत से बन रही है। जिसमे नियमो को ताक में रखते हुए ग्राम पंचायत सरपंच सचिव द्वारा सड़क निर्माण कार्य जेसीबी मशीनों से कराया जा रहा है। और वह भी 1 किलोमीटर मार्ग के लिए दो दो जेसीबी मशीन लगाई गई है। निर्माण कार्य दिन और रात दोनों समय चल रहा जिसका भी कोई मापदंड नही कई जगह सड़क 20 फुट सकरी है। तो कई जगह 70 से 80 फुट चौड़ी है। यह सड़क निर्माण कार्य इंजीनियर के विना ही ठेकेदार द्वारा अपने तरीके से कराया जा रहा है। इस और किसी ने कोई ध्यान नही दिया इतना ही नही सड़क के दोनों और जेसीबी से नालिया खोदकर मिट्टी निकाली गई है। उसकी गहराई भी पांच फुट तक खोदकर खंती बना दी जो भविष्य में दुर्घटनाओ को खुलेआम निमंत्रण दे रही है। लाखो रूपये की लागत से बनने वाली सड़क का भूमिपूजन विगत दिनों जनपद अध्यक्ष जगदीश सोलंकी ने किया था। लेकिन उक्त सड़क के निर्माण संबंधी सुचना बोर्ड कहि भी नही लगा हुआ है। ग्रामीणों ने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दबंगों के खेत के पास सड़क महज 25 फुट तक सकरी बना दी और मध्यमवर्गीय किसानों की भूमि के पास यह सड़क 70 फुट तक चौड़ी कर दी।*इंजीनियर बोले सीमांकन के समय गया था। काम चल रहा इसकी जानकारी नही* ।
मनरेगा योजना अंतर्गत बनने वाली सड़क के सीमांकन के समय सरपंच सचिव इंजीनियर और राजस्व अधिकारियों ने सड़क का सीमांकन किया। उसके बाद निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत ने इस सड़क का ठेका एक ठेकेदार को दे दिया। ठेकेदार ने भी काम आनन फानन में निपटाने के लिए इस एक किलोमीटर की सड़क में अपने दो दो जेसीबी लगा दिए। इस सड़क में बिच में आये हरे भरे पेड़ भी काट दिए । और जहाँ चुने से ले आउट डाला था उसको छोड़कर कई जगह ठेकेदार ने दबंग किसानों को व्यक्तिगत लाभ दिला दिया। एक तो मजदूरों की जगह मशीनों से काम करवाया ऊपर से सड़क भी बिना इंजीनियर के ही आधी से अधिक बन गई। और इंजीनियर को जानकारी नही। जबकि वास्तविकता में इंजीनियर की देखरेख और मजदूरों से काम करवाना चाहिए था। लेकिन ग्राम पंचायत ने सड़क निर्माण कार्य लाखो रूपये के बारे न्यारे करने के चक्कर में मशीनों से काम करवा लिया। जब *पावित्र समय* की टीम उक्त सड़क पर पहुची तो वहाँ पास ही खड़े लोग जो ठेकेदार के आदमी कहने लगे की यह तो किसानों के सहयोग से सड़क बन रही इतना ही नही गॉव के सचिव हरिओम गोर ने भी कहा कि किसानों के सहयोग से यह सड़क बन रही है। पल्ला झाड़ते हुए ऐसा मिडिया को भी गुमराह करने की कोशिश की लेकिन जब विभागीय अधिकारियों से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि नही मनरेगा में यह सड़क बन रही है।
इनका कहना है।
🔸में कल ही जाकर देखता हूं। कड़क मिटटी को जेसीबी से खोद सकते है। और मिट्टी मजदूरों से ही सड़क पर डलवाने का प्रावधान है।
विजय सिंह ठाकुर
सहायक यंत्री आरईएस हरदा
🔸मनरेगा में जेसीबी चलाने के क्या मापदंड नियम है। मुझे इसकी जानकारी नही है।
अरुण बिल्लोरे
मनरेगा प्रभारी हरदा
🔸में सीमांकन के ही समय गया था सड़क काम चल रहा है इसकी जानकारी नही है।
आनंद बोरासी उपयंत्री
जनपद पंचायत खिरकिया
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