*बीएमसी एम/पूर्व वार्ड में पेड़ों की छटनी पर 1.30 करोड़ का घपला*
पंचरत्न प्लास्टिक व गार्डन विभाग के अधिकारी शरद बागुल बने घपलेबाज
पवित्र समय न्यूज( मुंबई) 5 अगस्त 2018
मुंबई-आरटीआई द्वारा मांगे गये पेपरों को नही देना और निरीक्षण करने में बहाने बाजी से घपलेबाज पंचरत्न प्लास्टिक व गार्डन विभाग के अधिकारी शरद बागुल द्वारा करोड़ों के घपले का राज छुपा है,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक वर्ष के भीतर पंचरत्न प्लास्टिक कंपनी को 1.30 करोड़ रुपये सिर्फ पेडों की छटनी पर खर्च किये गये है।जब उसकी जानकारी आरटीआई से मांगी गयी तो शरद बागुल द्वारा बहाने बाजी करते हुये पेपर के निरीक्षक देने से कतराते रहे यही नही जब प्रथम अपील करने के बाद अपीलीय अधिकारी (वार्ड ऑफिसर) के समक्ष सुनवाई के समय अपनी गलती को मानते हुये अपीलकर्ता को कुछ बोलने से पहले ही निरीक्षण देकर पेपर देने को तैयार हुये जबकि अपील होने के बाद बागुल ने अपने कनिष्ठ अधिकारी जाधव मैडम, व मस्के मैडम को पेपर दिखाने को कहा लेकिन उन दोनों ने क्लर्क को बोलकर कार्यालय से नदारत हो गयी।जबकि क्लर्क द्वारा उपयुक्त और आरटीआई में मांगे गये पेपरों को उल्लेख नही होने के कारण आवश्यक पेपरों को लिखकर बताया गया है।लेकिन उन पेपरों को दिखाया नही जा रहा है और तो और चालान बनाकर उनके द्वारा भेजे गये पत्र में जोड़ दिया जाता है।खास बात तो यह भी है कि घपलेबाजी में बराबर नाम भी नही देख पाते किसी और के नाम चालान बना दिया गया है। लेकिन चालन के बारे में शरद बागुल से मिलने पर भी अपनी गलती मानते हुये चालन को दुरुस्त करके दिया गया लेकिन पेपर निरीक्षण में बहाने बाजी शुरू रही जब 1 अगस्त को प्रथम अपील के समय पेपर दिखाने की बजाय एक दूसरे को बोलकर पल्ला झाड़ लिया गया है।लेकिन क्लर्क को आरटीआई में मांगे गये आवश्यक पेपर बताया गया और चालन का इंतजार किया जा रहा है। जब पेपर प्राप्त होगा तब शरद बागुल और उनकी टोली जाधव मैडम, मस्के मैडम के घपले का राज खुल सकता है।जबकि आरटीआई कार्यकर्ता समाजसेवक हरेश गुजेटी ने बताया कि शरद बागुल द्वारा गार्डन विभाग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कि गयी है, इसलिये आरटीआई द्वारा मांगे जाने वाले पेपरों को देने में कन्नी काटा जा रहा है।अगर उनके द्वारा गार्डन विभाग के वर्क ऑर्डर की उच्च स्तरीय जांच की गयी तो करोडों के भ्रष्टाचार के सबूत मिल सकता है।
पंचरत्न प्लास्टिक व गार्डन विभाग के अधिकारी शरद बागुल बने घपलेबाज
पवित्र समय न्यूज( मुंबई) 5 अगस्त 2018
मुंबई-आरटीआई द्वारा मांगे गये पेपरों को नही देना और निरीक्षण करने में बहाने बाजी से घपलेबाज पंचरत्न प्लास्टिक व गार्डन विभाग के अधिकारी शरद बागुल द्वारा करोड़ों के घपले का राज छुपा है,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक वर्ष के भीतर पंचरत्न प्लास्टिक कंपनी को 1.30 करोड़ रुपये सिर्फ पेडों की छटनी पर खर्च किये गये है।जब उसकी जानकारी आरटीआई से मांगी गयी तो शरद बागुल द्वारा बहाने बाजी करते हुये पेपर के निरीक्षक देने से कतराते रहे यही नही जब प्रथम अपील करने के बाद अपीलीय अधिकारी (वार्ड ऑफिसर) के समक्ष सुनवाई के समय अपनी गलती को मानते हुये अपीलकर्ता को कुछ बोलने से पहले ही निरीक्षण देकर पेपर देने को तैयार हुये जबकि अपील होने के बाद बागुल ने अपने कनिष्ठ अधिकारी जाधव मैडम, व मस्के मैडम को पेपर दिखाने को कहा लेकिन उन दोनों ने क्लर्क को बोलकर कार्यालय से नदारत हो गयी।जबकि क्लर्क द्वारा उपयुक्त और आरटीआई में मांगे गये पेपरों को उल्लेख नही होने के कारण आवश्यक पेपरों को लिखकर बताया गया है।लेकिन उन पेपरों को दिखाया नही जा रहा है और तो और चालान बनाकर उनके द्वारा भेजे गये पत्र में जोड़ दिया जाता है।खास बात तो यह भी है कि घपलेबाजी में बराबर नाम भी नही देख पाते किसी और के नाम चालान बना दिया गया है। लेकिन चालन के बारे में शरद बागुल से मिलने पर भी अपनी गलती मानते हुये चालन को दुरुस्त करके दिया गया लेकिन पेपर निरीक्षण में बहाने बाजी शुरू रही जब 1 अगस्त को प्रथम अपील के समय पेपर दिखाने की बजाय एक दूसरे को बोलकर पल्ला झाड़ लिया गया है।लेकिन क्लर्क को आरटीआई में मांगे गये आवश्यक पेपर बताया गया और चालन का इंतजार किया जा रहा है। जब पेपर प्राप्त होगा तब शरद बागुल और उनकी टोली जाधव मैडम, मस्के मैडम के घपले का राज खुल सकता है।जबकि आरटीआई कार्यकर्ता समाजसेवक हरेश गुजेटी ने बताया कि शरद बागुल द्वारा गार्डन विभाग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कि गयी है, इसलिये आरटीआई द्वारा मांगे जाने वाले पेपरों को देने में कन्नी काटा जा रहा है।अगर उनके द्वारा गार्डन विभाग के वर्क ऑर्डर की उच्च स्तरीय जांच की गयी तो करोडों के भ्रष्टाचार के सबूत मिल सकता है।
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