*बीएमसी की तानाशाही मुंबईकरों के लिए बनी मुसीबत*
*बीएमसी हाय हाय नारों की गूंज*
*पवित्र समय न्यूज़*
*मुंबई* -साकीनाका पुलिस थाने व बीएमसी एल वार्ड के अंतर्गत आने वाले तानसा पाईप लाइन के किनारे बने झोपड़ों को बीएमसी द्वारा तानाशाही अंदाज में तोड़े जाने से मुंबईकरों को मुशीबत में डाल दिया है।आवागमन प्रभावित तो हो रहा है।वही वर्षो से रह रहे अपने आशियाने को टूटता हुआ देख गुस्साये लोग सड़कों पर उतरकर बीएमसी हाय..हाय के नारों से अपना गुस्सा दिखा रहे है।यही साकीनाका जंक्शन पर पब्लिक की भीड़ और रास्ता रोकों आंदोलन के समय *पवित्र समय* को पता चला की मोहिली गांव पाईप लाइन पर बीएमसी की तोड़क कार्रवाई से पब्लिक सड़कों पर आंदोलन करने उतरी है।कुछ आंदोलनकारियों ने बताया की वर्षो से उनकी पीड़ी यहाँ अपना और अपने परिवार की जिविका चलाते उनके सपने के आशियाने को बिखरता हुआ नही देख सकते ये बीएमसी की तानाशाही है।गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर बीएमसी हरकत में आयी है।मगर सवाल यह उठता है शुरू से ही बीएमसी अगर अवैध अतिक्रमण पर पावंदी लगाती तो आज मुंबईकरों और झोपड़ावासियों को मुसीबत से निजात मिल जाता।उधर वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ मुंबई के कार्याध्यक्ष मुजीबुर्रहमान सिद्दीकी ने बताया कि मोहिली विलेज पाईप लाइन से लेकर पवई मिलिंद नगर तक के झोपड़पट्टियों पर बीएमसी तोडू कार्यवाही करने वाली है।पिछले पच्चास वर्ष से अनेक दुकानदार तथा झोपड़पट्टी वासी यहाँ रहकर अपनी रोजी रोटी चला रहे थे।यदि उनका विष्ठापन किया गया तो अनेकों के धंधे व्यापार प्रभावित होंगे।उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।दूसरी खास बात यह है कि संपूर्ण मुंबई में जब भी बीएमसी की तोडू कार्यवाही हुई है,गरीब झोपड़पट्टियों पर ही बुलडोजर चले है।चाकू चाहे तरबूज पर चले या तरबूज चाकू पर कटना है तरबूज को ही।इस तरह की हालात मुंबई की झोपड़ावासियों की हो गयी है।गरीब झोपड़पट्टी वासियों की सुनने वाला कोई नही है।
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