Saturday, 13 January 2018

*सरकारी सुविधाओं से वंचित है महाराष्ट्र का वडार समाज*

पवित्र समय न्यूज (मुंबई) 13 जनवरी 2018

मुंबई -पत्थर तोड़कर रास्ते
पुलों तथा
 नालों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला महाराष्ट्र का वडार समाज आज भी विकास की मुख्यधारा से काफी दूर है।इसका मुख्य कारण यह है कि वडार समाज को जहाँ देश के अन्य राज्यों में अनुसूचित जाति में  शामिल किया गया है।वहीं महाराष्ट्र में इन्हें एस.सी. जाति में शामिल नहीं किया गया है।जबकि लंबे समय से इस समाज द्वारा एस. सी. का दर्जा दिलाने की मांग की जा रही है। उसके बावजूद सामाजिक न्याय विभाग तथा राज्य सरकार इस समस्या पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है।बता दें कि उत्तरप्रदेश बिहार कर्नाटक मध्यप्रदेश में पत्थर तोड़कर जीवन यापन करने वाले वडार समाज को एस. सी. का दर्जा प्राप्त है।लेकिन महाराष्ट्र में लाखों की संख्या में रह रहे वडार समाज को अभी तक एस. सी. में शामिल न किये जाने से सरकारी सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।उनके बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ सरकारी नौकरी पाने के लिए दर दर भटकना पड़ता है।लंबे समय से वडार समाज कोन्याय दिलाने के लिए प्रयासरत भारतीय वडार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक शिंदे ने बताया कि वडार समाज को जाति का सर्टिफिकेट न मिलने से इस समाज के बच्चों को इंजिनीरिंग मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेना मुश्किल हो गया है।इस कारण इनके बच्चों का भविष्य अंधकार मय होता जा रहा है।शिंदे ने दर दर भटककर रोजी रोटी की व्यवस्था में लगे वडार समाज के अधिकांश लोगों का अपना गांव नहीं है।इस कारण अपने स्थाई गांव का पता देने में भी वंचित हैं।वडार समाज की एक छात्रा रजनी शिंदे के अनुसार एस. सी. का सर्टिफिकेट न होने से उसका अच्छे कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल पाया।जबकि उससे कम अंक पाने वालों को आरक्षण के कारण अच्छे कॉलेज में प्रवेश मिल गया।इसके अलावा चुनाव में आरक्षण के बाद भी सर्टिफिकेट न होने से उसका लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है।बताया जा रहा है कि ब्रिटिश शासन के दौर से ही यह समाज गांव से शहर् तक दर दर भटककर अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं।इनकी ओर किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया।भारती वडार समाज के अध्यक्ष दीपक शिंदे का यह भी कहना है कि आज़ादी के बाद से अनेक जातियों को एस. सी. तथा एस. टी. का दर्जा दिलाया गया लेकिन यह समाज नेतृत्व विहीन होने से आज तक उपेक्षा का शिकार हो रहा है।शिंदे ने देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री तथा सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री रामदास आठवले से वडार समाज को एस. सी. जाति में शामिल किए जाने की मांग की है।गौरतलब हो कि देश में जहाँ भारतीय प्रशासनिक सेवा मेडिकल इंजिनीरिंग के क्षेत्र में समाज के सभी वर्गों के बच्चों की प्रतियोगिता में होड़ मची हुई है।वहीं वडार समाज आज भी विकास से कोसों दूर है।

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