*आरे कॉलोनी के पर्यावरण को नष्ट कर रहे रिलायंस कंपनी के ठेकेदार*
रॉयल पाल्म को फायदा पहुंचाने के लिये आरे दुग्ध उत्पादन की जमीन पर खुदाई शुरू
पवित्र समय न्यूज(मुंबई) 30 जून 2018
मुंबई-गोरेगांव पूर्व स्थित आरे कॉलोनी एकमात्र ऐसा पर्यवारण और शहर की सुंदरता को व मुंबई शहर तथा आसपास दुग्ध उत्पादन और फ़िल्म नगरी से जाने जाने वाले आरे के जंगलों पर अब रिलायंस कंपनी की गिद्ध नजर पड़ गयी है। जिससे अपना स्वार्थ तथा उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिये आरे कॉलोनी यूनिट नंबर 5 से रॉयल पाल्म तक सड़क के किनारे खुदाई शुरू है जिससे पेड़ तथा मैंग्रोस अन्य पौधों को नष्ट किया जा रहा है। ज्ञात हो कि सन 2015 में बीना परमिशन से रोड के किनारे खुदाई भारी पैमाने पर चल रही थी तभी स्थानीय एन जी ओ के हस्तक्षेप पर तत्कालीन आरे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानंद राउत ने कार्रवाई की और आरे के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस विलास चव्हाण ने एफआईआर दर्ज की थी। तब अवैध खुदाई से धार्मिक आस्था का (पीपल) के पेड़ को काटे जाने से राउत तथा संबंधित अधिकारियों पर भी गाज गिरी जबकि जनाधार प्रतिष्ठान के संयोजक नीलेश धुरी ने लोक आयुक्त के पास लिखित शिकायत की जिसकी जांच अभी भी शुरू है। लेकिन उक्त अधिकारियों के तबादले के बाद राठौड़ ने आरे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर रहते हुये रिलायंस कंपनी को मौखिक रूप से खुदाई की परमिशन देने की बात बतायी जा रही है। खास बात तो यह है कि हजारों की तादात में आरे कॉलोनी में आदिवासीयों के झोपड़े है जो वर्षो से रहकर अंधकारमय जीवन जी रहे तब किसी प्रकार बिजली समस्या पर ध्यान नही गया और अब रिलायंस कंपनी को रॉयल पाल्म को बिजली सफ्लाई के लिये पर्यावरण को नष्ट करने के साथ साथ आदिवासियों से छल किया जा रहा है।स्थानीय जनाधार प्रतिष्ठान नामक संस्था के संयोजक ने समय समय पर आरे कॉलोनी के आदिवासियों तथा आरे कॉलोनी को बचाने के लिये संबंधित अधिकारियों से लेकर राज्य सरकार से केंद्र सरकार तक शिकायते की है। उक्त शिकायतों को ध्यान में रखते हुये सन 2015 में धुरी की शिकायत के आधार पर पवित्र समय ने खबर भी प्रकाशित की और कार्रवाई हुई और मुख्य कार्यकारी राउत ने काम बंद करवा दिया था। जो अब राठौड़ के आने के बाद शुरू करवाया गया इस बारे में राठौड़ से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नही हो पाया ।
रॉयल पाल्म को फायदा पहुंचाने के लिये आरे दुग्ध उत्पादन की जमीन पर खुदाई शुरू
पवित्र समय न्यूज(मुंबई) 30 जून 2018
मुंबई-गोरेगांव पूर्व स्थित आरे कॉलोनी एकमात्र ऐसा पर्यवारण और शहर की सुंदरता को व मुंबई शहर तथा आसपास दुग्ध उत्पादन और फ़िल्म नगरी से जाने जाने वाले आरे के जंगलों पर अब रिलायंस कंपनी की गिद्ध नजर पड़ गयी है। जिससे अपना स्वार्थ तथा उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिये आरे कॉलोनी यूनिट नंबर 5 से रॉयल पाल्म तक सड़क के किनारे खुदाई शुरू है जिससे पेड़ तथा मैंग्रोस अन्य पौधों को नष्ट किया जा रहा है। ज्ञात हो कि सन 2015 में बीना परमिशन से रोड के किनारे खुदाई भारी पैमाने पर चल रही थी तभी स्थानीय एन जी ओ के हस्तक्षेप पर तत्कालीन आरे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानंद राउत ने कार्रवाई की और आरे के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस विलास चव्हाण ने एफआईआर दर्ज की थी। तब अवैध खुदाई से धार्मिक आस्था का (पीपल) के पेड़ को काटे जाने से राउत तथा संबंधित अधिकारियों पर भी गाज गिरी जबकि जनाधार प्रतिष्ठान के संयोजक नीलेश धुरी ने लोक आयुक्त के पास लिखित शिकायत की जिसकी जांच अभी भी शुरू है। लेकिन उक्त अधिकारियों के तबादले के बाद राठौड़ ने आरे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर रहते हुये रिलायंस कंपनी को मौखिक रूप से खुदाई की परमिशन देने की बात बतायी जा रही है। खास बात तो यह है कि हजारों की तादात में आरे कॉलोनी में आदिवासीयों के झोपड़े है जो वर्षो से रहकर अंधकारमय जीवन जी रहे तब किसी प्रकार बिजली समस्या पर ध्यान नही गया और अब रिलायंस कंपनी को रॉयल पाल्म को बिजली सफ्लाई के लिये पर्यावरण को नष्ट करने के साथ साथ आदिवासियों से छल किया जा रहा है।स्थानीय जनाधार प्रतिष्ठान नामक संस्था के संयोजक ने समय समय पर आरे कॉलोनी के आदिवासियों तथा आरे कॉलोनी को बचाने के लिये संबंधित अधिकारियों से लेकर राज्य सरकार से केंद्र सरकार तक शिकायते की है। उक्त शिकायतों को ध्यान में रखते हुये सन 2015 में धुरी की शिकायत के आधार पर पवित्र समय ने खबर भी प्रकाशित की और कार्रवाई हुई और मुख्य कार्यकारी राउत ने काम बंद करवा दिया था। जो अब राठौड़ के आने के बाद शुरू करवाया गया इस बारे में राठौड़ से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नही हो पाया ।