25 वर्षो से नया ऐतिहासिक रूप देने वाला मंडल *चांदिवली (म्हाडा) सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल*
म्हाडा गणेश मैदान में साई मंदिर के साथ भव्य गणेश पंडाल
पवित्र समय न्यूज(मुंबई) 18 सितंबर 2018
मुंबई-महाराष्ट्र तथा देश के विभिन्न राज्यों में सर्व प्रथम पूजे जाने वाले हिंदू समुदाय के आराध्य देव गणेश चतुर्थी पर गणेशउत्सव से शहर की रौनक बढ़ जाती है, जिसे सबसे ज्यादा मुंबई के लाल बाग के राजा तो देश विदेश में विख्यात है, लेकिन हम बात करते है मुंबई उपनगर के चांदिवली विधानसभा में पिछले 25 वर्षों से *चांदिवली म्हाडा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल* द्वारा स्थापित गणेश चतुर्थी पर ऐतिहासिक महत्व को दिखाया जाता है।ऐसा ही 17 सितंबर को मेट्रो इंडिया के संपादक मनोजकुमार यादव, मानवता का भारत के संपादक सतीश गुप्ता,खबरे आजकल और आज के संपादक हरेश गुजेटी ने म्हाडा कॉलोनी चांदिवली म्हाडा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल द्वारा स्थापित पंडाल में देखा और बताया कि वास्तव में चांदिवली विधानसभा या यूं कहें कि पूर्वी उपनगर में शायद ही ऐसा कोई पंडाल होगा जहां शिर्डी के साईबाबा मंदिर जैसा हूबहू मंदिर बनाया गया साज सज्जा और कलाकार ने साई मंदिर और द्वारका माई के मंदिर को मुंबई में लाकर स्थापित कर दिया हो।गणेशउत्सव पर गणेश मैदान म्हाडा कॉलोनी चांदिवली में स्थापित गणेश दर्शन के लिए प्रतिदिन पांच हजार से दस हजार लोग दर्शन कर रहे है।ज्ञात हो कि चांदिवली विधानसभा के एकमात्र ऐसा मंडल है जो प्रति वर्ष गणेशउत्सव के साथ ऐतिहासिक दृश्य को दर्शाता है। इस बार साईबाबा मंदिर को जिस प्रकार बनाया गया वो शिर्डी जैसा प्रतीत होता है,मंडल के प्रतिनिधि संतोष नागेकर ने बताया कि पिछले 25 वर्षों से चांदिवली म्हाडा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल गणेश स्थापना करते आ रहा है, जो हर वर्ष धार्मिक महत्व को सभी जाति धर्म और समुदाय के लोगों का सहयोग मिलता है,और यहाँ श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है,राजनीतिक सामाजिक, तथा स्थानीय जनता का भरपूर सहायता देते है।खास बात यह भी है चांदिवली म्हाडा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के मुख्य मार्ग दर्शक पूर्व नगरसेवक ईश्वर तायड़े,और अध्यक्ष रविंद्र नेवरेकर, कार्याध्यक्ष विष्णु आवटे, महासचिव प्रमोद हुले, खजिनदार धर्मंन रावत, महिलाध्यक्ष समिधा कालसेकर समेत सभी सभासदों ने कड़ी मेहनत करके इस बार शिर्डी साईबाबा मंदिर को गणेश चतुर्थी के साथ जोड़कर भक्तजनों को दर्शन करने का गौरव प्राप्त करवाया है।बताया जाता है कि लगभग उक्त आयोजन में एक करोड़ रुपये की लागत लगी है।
म्हाडा गणेश मैदान में साई मंदिर के साथ भव्य गणेश पंडाल
पवित्र समय न्यूज(मुंबई) 18 सितंबर 2018
मुंबई-महाराष्ट्र तथा देश के विभिन्न राज्यों में सर्व प्रथम पूजे जाने वाले हिंदू समुदाय के आराध्य देव गणेश चतुर्थी पर गणेशउत्सव से शहर की रौनक बढ़ जाती है, जिसे सबसे ज्यादा मुंबई के लाल बाग के राजा तो देश विदेश में विख्यात है, लेकिन हम बात करते है मुंबई उपनगर के चांदिवली विधानसभा में पिछले 25 वर्षों से *चांदिवली म्हाडा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल* द्वारा स्थापित गणेश चतुर्थी पर ऐतिहासिक महत्व को दिखाया जाता है।ऐसा ही 17 सितंबर को मेट्रो इंडिया के संपादक मनोजकुमार यादव, मानवता का भारत के संपादक सतीश गुप्ता,खबरे आजकल और आज के संपादक हरेश गुजेटी ने म्हाडा कॉलोनी चांदिवली म्हाडा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल द्वारा स्थापित पंडाल में देखा और बताया कि वास्तव में चांदिवली विधानसभा या यूं कहें कि पूर्वी उपनगर में शायद ही ऐसा कोई पंडाल होगा जहां शिर्डी के साईबाबा मंदिर जैसा हूबहू मंदिर बनाया गया साज सज्जा और कलाकार ने साई मंदिर और द्वारका माई के मंदिर को मुंबई में लाकर स्थापित कर दिया हो।गणेशउत्सव पर गणेश मैदान म्हाडा कॉलोनी चांदिवली में स्थापित गणेश दर्शन के लिए प्रतिदिन पांच हजार से दस हजार लोग दर्शन कर रहे है।ज्ञात हो कि चांदिवली विधानसभा के एकमात्र ऐसा मंडल है जो प्रति वर्ष गणेशउत्सव के साथ ऐतिहासिक दृश्य को दर्शाता है। इस बार साईबाबा मंदिर को जिस प्रकार बनाया गया वो शिर्डी जैसा प्रतीत होता है,मंडल के प्रतिनिधि संतोष नागेकर ने बताया कि पिछले 25 वर्षों से चांदिवली म्हाडा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल गणेश स्थापना करते आ रहा है, जो हर वर्ष धार्मिक महत्व को सभी जाति धर्म और समुदाय के लोगों का सहयोग मिलता है,और यहाँ श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है,राजनीतिक सामाजिक, तथा स्थानीय जनता का भरपूर सहायता देते है।खास बात यह भी है चांदिवली म्हाडा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के मुख्य मार्ग दर्शक पूर्व नगरसेवक ईश्वर तायड़े,और अध्यक्ष रविंद्र नेवरेकर, कार्याध्यक्ष विष्णु आवटे, महासचिव प्रमोद हुले, खजिनदार धर्मंन रावत, महिलाध्यक्ष समिधा कालसेकर समेत सभी सभासदों ने कड़ी मेहनत करके इस बार शिर्डी साईबाबा मंदिर को गणेश चतुर्थी के साथ जोड़कर भक्तजनों को दर्शन करने का गौरव प्राप्त करवाया है।बताया जाता है कि लगभग उक्त आयोजन में एक करोड़ रुपये की लागत लगी है।
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