*माता कामाख्या की यात्रा हुई सफल मुंबई लौटे दो श्रद्धालु*
पवित्र समय न्यूज(गुवाहाटी) २९ जून २०१९
गुवाहाटी (असम) ऐतिहासिक अंबुवासी मेला गुवाहाटी में नीलाचल पर्वत पर स्थित माता सती के सभी शक्तिपीठ में कामाख्या का शक्ति पीठ सर्वश्रेष्ठ है। जहां हर वर्ष जून महीने में तीन दिनों तक श्रद्धालुओं के लिये माता कामाख्या के मंदिर के पट बंद कर दिये जाते है और तीन दिनों तक अंबुवासी मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है इस वर्ष भी पवित्र समय की टीम ने माता कामाख्या के दर्शन के लिये २० जून से २८ जून तक गुवाहाटी में रहकर मंदिर में माता की पूजा अर्चना की और मेले में जाकर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी।खास बात तो यह भी देखी गयी इस वर्ष अंबुवासी मेले में असम राज्य के राज्यपाल मुख्यमंत्री तथा अनेक मंत्री व बड़ी हस्तियों ने माता कामाख्या के मंदिर में पूजा अर्चना की साथ ही पूरा नीलांचल पर्वत ,,कामाख्या वरदेदेवी नील पर्वत वासिनी त्वं देवी दगन्नमाता माता जोनि मुद्रे नमस्तुते.....मां कामाख्या की जय के नारों से पूरा पर्वत गूंज उठा। बुधवार २६ जून को प्रातः५:१५ मिनट पर मंदिर खोला गया इसके बाद श्रद्धालुओं ने जोर-जोर से माँ के जयकारे लगाने लगे और माता रानी के आशीर्वाद लेने राजनीतीक दलों के अलावा साधु संतों तथा आम जनमानस ने कामाख्या माता के दरबार में हाजिरी लगायी कुछ साधु संतों ने तांत्रिक साधना को पूर्ण किया तो कुछ श्रद्धालुओं ने शांति समृद्धि और सौहार्द के लिये प्रार्थना की।वही असम राज्य के राज्यपाल जगदीश मुखी ने उनकी पत्नी के साथ माता कामाख्या के मंदिर में माथा टेकते हुये राज्य वासियों के कल्याण की कामना की।असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, वित्तमंत्री हेमंत विश्व शर्मा सहपरिवार माता का आशीष लेने पहुंचे।इस अवसर कामाख्या स्थित जूना अखाड़ा के साधु संतों तथा किन्नर अखाड़ा की साध्वी द्वारा मंदिर परिसर की परिक्रमा की गयी।गौरतलब है कि मुंबई से हरेश गुजेटी और मुकेश पांचोली ने २० जून को गुवाहाटी भूतनाथ स्थित झुनारू हैरिटेज में रुक कर नीलांचल पर्वत पर माता कामाख्या का दर्शन किया और ब्रह्मपुत्र नदी के बीच स्थित उमानन्द भगवान के दर्शन किये साथ ही आसपास गुवाहाटी शहर तथा मेघालय के शिलांग में कुदरती मौसम का लुफ्त उठाते हुए २८ जून को मुंबई लौट आये।
पवित्र समय न्यूज(गुवाहाटी) २९ जून २०१९
गुवाहाटी (असम) ऐतिहासिक अंबुवासी मेला गुवाहाटी में नीलाचल पर्वत पर स्थित माता सती के सभी शक्तिपीठ में कामाख्या का शक्ति पीठ सर्वश्रेष्ठ है। जहां हर वर्ष जून महीने में तीन दिनों तक श्रद्धालुओं के लिये माता कामाख्या के मंदिर के पट बंद कर दिये जाते है और तीन दिनों तक अंबुवासी मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है इस वर्ष भी पवित्र समय की टीम ने माता कामाख्या के दर्शन के लिये २० जून से २८ जून तक गुवाहाटी में रहकर मंदिर में माता की पूजा अर्चना की और मेले में जाकर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी।खास बात तो यह भी देखी गयी इस वर्ष अंबुवासी मेले में असम राज्य के राज्यपाल मुख्यमंत्री तथा अनेक मंत्री व बड़ी हस्तियों ने माता कामाख्या के मंदिर में पूजा अर्चना की साथ ही पूरा नीलांचल पर्वत ,,कामाख्या वरदेदेवी नील पर्वत वासिनी त्वं देवी दगन्नमाता माता जोनि मुद्रे नमस्तुते.....मां कामाख्या की जय के नारों से पूरा पर्वत गूंज उठा। बुधवार २६ जून को प्रातः५:१५ मिनट पर मंदिर खोला गया इसके बाद श्रद्धालुओं ने जोर-जोर से माँ के जयकारे लगाने लगे और माता रानी के आशीर्वाद लेने राजनीतीक दलों के अलावा साधु संतों तथा आम जनमानस ने कामाख्या माता के दरबार में हाजिरी लगायी कुछ साधु संतों ने तांत्रिक साधना को पूर्ण किया तो कुछ श्रद्धालुओं ने शांति समृद्धि और सौहार्द के लिये प्रार्थना की।वही असम राज्य के राज्यपाल जगदीश मुखी ने उनकी पत्नी के साथ माता कामाख्या के मंदिर में माथा टेकते हुये राज्य वासियों के कल्याण की कामना की।असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, वित्तमंत्री हेमंत विश्व शर्मा सहपरिवार माता का आशीष लेने पहुंचे।इस अवसर कामाख्या स्थित जूना अखाड़ा के साधु संतों तथा किन्नर अखाड़ा की साध्वी द्वारा मंदिर परिसर की परिक्रमा की गयी।गौरतलब है कि मुंबई से हरेश गुजेटी और मुकेश पांचोली ने २० जून को गुवाहाटी भूतनाथ स्थित झुनारू हैरिटेज में रुक कर नीलांचल पर्वत पर माता कामाख्या का दर्शन किया और ब्रह्मपुत्र नदी के बीच स्थित उमानन्द भगवान के दर्शन किये साथ ही आसपास गुवाहाटी शहर तथा मेघालय के शिलांग में कुदरती मौसम का लुफ्त उठाते हुए २८ जून को मुंबई लौट आये।