Saturday, 15 June 2019

विश्‍व पर्यावरण दिवस पर विवेक शेट्ठी ने कहा, हमारा पर्यावरण ही हमारा जीवन है

पवित्र समय न्यूज (मुंबई) १६ जून २०१९

मुंबई-
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के अवसर पर एफएम रेनबो की ओर से आयोजित समारोह कई वजहों से एक यादगार आयोजन बन गया। सुप्रसिद्ध प्रेरक वक्‍ता, योगी और रहस्‍यवादी चिंतक विवेक शेट्टी ने पर्यावरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर लंबी बातचीत की। इस अवसर पर उपस्थित सचिन तेंदुलकर ने जहां भारतीय क्रिकेट टीम के बारे में बात की वहीं आमिर खान ने पर्यावरण से संबंधित ईद पर अपने विचार साझा किए।   विवेक शेट्टी ने इस बात पर जोर दिया कि मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ तेजी से नीचे चले गए हैं, जिसके कारण पानी को बचाकर रखना समस्‍या बन गई है। यही वजह है कि मुंबई के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी है और अब यह एक सामान्य घटना बन चुकी है।   विवेक ने प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए एक नए तरह के समाधान की पेशकश की। उन्होंने सुझाव दिया कि प्लास्टिक पैकेटों को लौटाने पर प्रोत्साहन के रूप में 1 रुपये दिए जाएं,ताकि संबंधित अधिकारी प्‍लास्टिक कचरे पर लगाम लगा सकें और उसका पुनर्चक्रण हो सके। अधिकारियों द्वारा दिए जाने वाले 1 रुपये प्रोत्साहन को प्‍लास्टिक कचरे के अधिकतम खुदरा मूल्‍य (एमआरपी) में ही शामिल किया जा सकता है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एक विशेष ग्रेड के प्लास्टिक का ही पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है, जिसके लिए विशेष रूप से अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि इस तरह की रीसाइक्लिंग से जल निकायों या जल निकासी प्रणाली में बाधा पैदा होने का खतरा है।   उन्होंने यहां तक कहा कि 2050 तक महासागरों में प्लास्टिक की मात्रा मछलियों पर भारी पड़ने जा रही है। एलेन मैकआर्थर फाउंडेशन की वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम की साझेदारी में हुई एक रिपोर्ट में यह सामने आया है। प्लास्टिक और उसकी राख का सेवन करने के कारण व्हेल के मरने के कई मामले सामने आए हैं। उदाहरण के लिए थाईलैंड में एक व्हेल की मौत का मामला सामने आया था जिसने प्लास्टिक के 80 शॉपिंग बैग और अन्य प्लास्टिक कचरे का सेवन किया था। इसके कारण व्हेल के पेट बिल्‍कुल बंध गया था।   उन्होंने आगे कहा कि कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की जरूरत है। आइए हम उन लोगों की चर्चा करें जो एक एसी कार में जिम जाते हैं और फिर जिम साइक्लिंग में पसीना बहाते हैं। यह वास्तव में विचार करने लायक नहीं है कि लो साइकिल चलाकर जिम जाएं और पसीना बहाएं। इससे न केवल उनके फिटनेस स्तर बल्कि सहनशक्ति में भी वृद्धि होगी। विवेक ने इस बात पर जोर देकर कहा कि वर्ष के सभी 365 दिन पर्यावरण दिवस हैं और हमारा पर्यावरण अनिवार्य रूप से हमारा जीवन है।

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